सागर-200 साल पुराना प्रसिद्ध रहस्य मेला ध्वजारोहण के साथ शुरू 2 महीने तक रहेगी...
सागर जिले के गढाकोटा में बसंत पंचमी के साथ ही प्रसिद्ध रहस मेला भी शुरू हो जाता है 200 साल पुराना यह मेला होली तक चलता है ध्वजारोहण के साथ मेले का शुभारंभ किया गया हैं इस अवसर पर रहली से 9 बार के विधायक गोपाल भार्गव के साथ जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे जिन्होंने चावड़ी इमारत पहुंचकर मेला का हवन पूजन किया।नगर पालिका के सफाई कर्मचारियों ने महाराजा मर्दन सिंह जू देव की स्मारक स्थल पर ध्वजारोहण कर बसंत पंचमी से होली तक भरने वाले इस मेले की शुरुआत हो गई।
रहस मेला बुंदेलखंड का प्राचीन और प्रसिद्ध मेला है। मेला का यह 216 वां वर्ष है। रहस मेला की शुरुआत राजा वीर बुंदेला महाराज के पौत्र गढ़ाकोटा के महाराजा मर्दन सिंह जू देव के राज्यारोहण की स्मृति में वर्ष 1809 से आयोजित होता आ रहा है।
पहले यह मेला राजा साहब भरवाते थे यह मेला राजा साहब ने पशुओं की खरीदी के लिए शुरू किया था। अंग्रेजी हुकूमत के समय से ही गढ़ाकोटा शहर मे दूर - दूर के लोग एकत्रित होकर खरीदी करने के साथ-साथ उनके अग्रेजो के विरुद्घ लड़ाई की रणनीति यही बनाते थे। साल दर साल मेले में पशुओं की खरीदी होती रही। हाथी,घोड़ा,ऊट,बैल,गाय सहित अन्य सभी तरह के पशुओं की यहां बिक्री होती रही,लेकिन अब पशुओं की बिक्री कम होती है। इस मेले के स्वरूप को कायम रखने के लिए
रहली विधानसभा के विधायक व पूर्व मंत्री पं गोपाल भार्गव ने कई प्रयास किए। उनके द्वारा यहां किसानों का सम्मेलन का आयोजन किया जाता है। मेले में ही लोगों को सभी तरह की सुविधाएं मिलती हैं। लोगों की समस्याओं का निराकरण होता है। पंचमी पर मेले की शुरुआत हुई है। होली तक लोग यहां आकर खरीदी करने के साथ आनंद उठाते हैं। पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि अगर आचार संहिता नही लगती है तो मार्च में कृषि मेले का आयोजन किया जावेगा ।