हाथों में सूखी फसल लेकर हजारों किसान पहुंचे कलेक्ट्रेट फिर....
बड़वानी में जागृत आदिवासी दलित संगठन के नेतृत्व में आदिवासी किसानों ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया और जमकर नारेबाजी की। इस दौरान किसान सूखी फसलें हाथों में लेकर पहुंचे। कलेक्ट्रेट गेट बंद करने पर ग्रामीण वहीं धरने पर बैठ गए। करीब दो घंटे तक किसानों को पानी नहीं मिलने से उनके सब्र का बांध टूट पड़ा।
इसके बाद ग्रामीणों ने पानी के लिए रोष जताया। तब जाकर गेट खोले गए। बताया जा रहा है कि किसान फसल नष्ट होने पर मुआवजे की मांग को लेकर रैली निकालकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे। जो काफी आक्रोषित दिखे। इस मौके पर किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। किसानों ने कहा कि इस विपदा की घड़ी में सरकार ने बिजली सप्लाई भी कम कर दी है।
24 घंटे बिजली के बजाए केवल 7 घंटे ही बिजली किसानों को मिल रही हैं। जब उद्योगों और कंपनियों को बिजली की पर्याप्त आपूर्ति हो रही हैं तो किसान को क्यों नहीं। इस मौके पर रोजगार गारंटी में 100 दिन काम मिलने की सीमा को 240 दिन तक बढ़ाने के साथ दैनिक मजदूरी दर 221 से 600 रुपए करने की मांग भी की गई।
साथ ही मनरेगा को खत्म करने के लिए अपनाए जा रहे ऑनलाइन हाजिरी और बजट कटौती के प्रावधानों का जोरदार विरोध किया गया। इसके साथ ही किसानों ने बताया कि वन अधिकार कानून लागू होने के बाद भी बड़वानी में 16000 दावों में से केवल 3352 दावों का निराकरण हुआ है। लाखों आदिवासी आज भी अपने वनाधिकार से वंचित हैं। इस मौके पर बडी संख्या में किसान मौजूद थे।