प्रदीप मिश्रा की कथा निरस्त होने से भक्त मायूस, मंच पर आकर बताया कारण?
प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की नीमच के मनासा में आयोजित सात दिवसीय कथा निरस्त होने से श्रद्धालुओं में मायूसी छा गई है। पंडित प्रदीप मिश्रा ने खुद मंच पर पहुंचकर कथा न हो पाने पर खेद जताया। उन्होंने बताया कि 29 मार्च को आष्टा में महादेव होली के दौरान किसी ने गुलाल की जगह नारियल फेंका था जो सिर में लगा था। डॉक्टरों ने आराम की सलाह दी है। अंदर की तरफ चोट लगने के कारण ब्रेन में सूजन हो गई है। डॉक्टरों ने कहा है कि दिमाग पर ज्यादा जोर नहीं देना है।
जब तक डॉक्टर परमिशन नहीं देते हम कथा नहीं कर सकते। ऐसे में 1 अप्रैल से 7 अप्रैल तक आयोजित होने वाली शिवमहापुराण कथा नहीं हो पाएगी। अब अगली साल ही यहां कथा होगी। मैं प्रयास करूंगा कि आप लोग मुझे क्षमा करेंगे। अभी मैं अस्पताल से छुट्टी लेकर आया हूं। हमको थोड़ा बहुत भी अच्छा लगता है, तब ही आगे की कथाएं करेंगे, नहीं तो जो कथाएं आगे भी होने वाली थी वो कैंसिल हो जाएंगी। कथा सुनने पहले दिन पंडाल में करीब 50 हजार लोग पहुंचे थे।
कथा निरस्त होने की घोषणा के बाद वे मायूस होकर लौटे। कुछ महिलाओं की आंखों में आंसू आ गए और वे रोने लगीं। आपको बता दें कि एक दिन पहले ही रविवार को विशाल कलशयात्रा निकाली गई थी। कथा के आयोजन को लेकर पहले से ही विध्न बाधाएं आ रही थीं। पहले प्रशासन ने कथा निरस्त कर दी थी। सांसद—विधायक ने मुख्यमंत्री तक मामला पहुंचाया था। इसके बाद अनुमति मिल पाई थी। अचानक कथा निरस्त होने से देशभर के श्रद्धालुओं को दुख पहुंचा है।