जो लोग मौके पर ही नहीं थे उन्हें बनाया 302 का आरोपी, जांच में निकले निर्दोष
दरअसल दो फरवरी को विपिन यादव का मर्डर हुआ था। इसमें जो लोग आरोपी बनाए गए थे उन्होंने बाद में हुए लल्ला उर्फ नरेंद्र गुर्जर मर्डर मामले में पीड़ित पक्ष आरोपी बनवा दिया। इस मामले में भरत यादव, छोटू यादव, मुकेश परिहार और संदीप यादव को आरोपी बनाया था। जबकि यह लोग लल्ला मर्डर के समय मौके पर थे ही नहीं। चारों आरोपियों के परिजनों ने एसपी धर्मवीर सिंह से मिलकर उन्हें वास्तविकता बताई। इसके बाद मोबाइल लोकेशन और सीसीटीवी कैमरों की जांच की गई तो किसी की लोकेशन दतिया तो किसी की ग्वालियर में मिली।
जब पुलिस ने गहराई से जांच की तो पता चला कि लल्ला के मर्डर के समय विश्वेंद्र उर्फ पुष्पेंद्र रावत की सिम एक्टिव मिली। विश्वेंद्र रावती मुडरी गांव का रहने वाला निकाला। उसने बताया यह सिम उसने पवन धानुक को दी थी। जब पवन को पकड़कर पूछताछ की तो उसने गोराघाट के शिवराम रावत का नाम लिया। उसने यह भी बताया कि वह खुद और शिवम रावत मोटर साइकिल से घटनास्थल पर पहुंचे थे। इसके बाद लल्ला को गोली मार दी थी। इस पर पुलिस ने पवन धानुक, विश्वेंद्र रावत, शिवम रावत को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि शिवराम रावत फरार है। उसकी तलाश की जा रही है।
पकड़े गए तीन आरोपियों के कब्जे से 315 बोर का कट्टा, तीन मोबाइल, 5000 नगद भी बरामद किए गए हैं। एसपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि इस घटना में नामजद संदीप यादव पूर्व में हुए विपिन यादव के मर्डर मामले में फरियादी था। इसके अलावा भरत यादव, छोटू यादव, मुकेश परिहार को भी लल्ला के चचेरे भाई पूरन सिंह गुर्जर ने आरोपी बनवाया था। अब मुख्य आरोपियों को पकड़ लिया गया है। पहले बनाए चारों आरोपियों का उक्त मर्डर से कोई लेना देना नहीं निकला।