नगर परिषद सीएमओ पर तानाशाही के आरोप, सभापतियों को नहीं दी जाती जानकारियां


 

बकस्वाहा नगर परिषद के पार्षद सीएमओ जितेंद्र नायक और कर्मचारियों की मनमानी से खासे परेशान हैं। चुने हुए प्रतिनिधि जानकारियां तक नहीं ले पा रहे हैं। सभापतियों को भी उनके प्रभार से संबंधित जानकारियां नहीं दी जातीं। पार्षदों ने एकजुट होकर सीएमओ पर तानाशाही के आरोप लगाते हुए तहसील कार्यालय पहुंचकर तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इसमें सात दिन में जानकारी न मिलने पर पार्षदों से उपेक्षा बंद न होने पर सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी दी है।

 

पार्षदों का आरोप है कि आवेदन देने के 10 महीने बाद भी जानकारी नहीं दी जातीं। कर्मचारी कहते हैं जहां शिकायत करनी हो कर दो। हमारा कोई कुछ नहीं कर सकता। पार्षद बने तो अपने घर पर पार्षदी दिखाओ। इसके अलावा जमकर वित्तीय अनियमितताएं की जा रही हैं। परिषद की सामग्री कर्मचारी बेच रहे हैं। सरकारी योजनाओं के हितग्राहियों से वसूली की जा रही है। हम लोग जनता की अपेक्षा पर खरे नहीं उतर पा रहे हैं। इसलिए इस्तीफा ही अंतिम विकल्प बचा है।

 

तहसीलदार भरत पांडे का कहना है शिकायत मिली है। ज्ञापन को आगे प्रेषित किया जाएगा। दोनों में सामंजस्य बैठाने की कोशिश करेंगे। इधर पार्षदों की एकजुटता से सीएमओ नायक के होश उड़ गए हैं अब वे दो दिन में जानकारी देने की बात कह रहे हैं। वित्तीय अनियमितताओं से उन्होंने इंकार करते हुए जांच कराने का चैलेंज दिया। जांच के बाद क्या होगा यह तो बाद में पता चला फिलहाल लोकतांत्रिक व्यवस्था खतरे में जरूर नजर आती दिख रही है। 


By - sagarttvnews

07-Feb-2024

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