आषाढ़ गुप्त नवरात्रि : शक्ति उपासना के पर्व की आज से शुरुआत, जानिए क्या है पूजा विधि और नियम ?


आषाढ़ गुप्त नवरात्रि : शक्ति उपासना के पर्व की आज से शुरुआत, जानिए क्या है पूजा विधि और नियम ?


शारदीय और चैत्र नवरात्र की तरह ही गुप्त नवरात्र में कलश स्थापना की जाती है. नौ दिन तक व्रत का संकल्प लेकर प्रतिदिन सुबह-शाम मां दुर्गा की अराधना इस दौरान की जाती है. साथ ही अष्टमी या नवमी के दिन कन्याओं के पूजन के साथ व्रत की समाप्ति होती है. तंत्र साधना करने वाले इस दौरान माता के 10 महाविद्याओं की साधना करते हैं.

गुप्त नवरात्र के दौरान दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और साथ ही लाल रंग का पुष्प माता को चढ़ाएं. ऐसी मान्यता है कि इस पूजा को करते समय इस बारे में किसी और नहीं बताना चाहिए. मन से मां दुर्गा की अराधना में तल्लीन रहना चाहिए. ऐसा करने से पूजा
ज्यादा सफल होती है. गुप्त नवरात्र को तांत्रिक क्रियाओं, शक्ति साधना और महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है.

आज से आषाढ़ीय गुप्त नवरात्र शुरू हो गई है. गुप्त नवरात्र में 9 देवियों की बजाय 10 महाविद्याओं की उपासना की जाती है. साल भर में पड़ने वाली चार नवरात्रि में से दो गुप्त नवरात्रि होती है. गुप्त नवरात्रि के इन नौ दिनों में तंत्र साधना ज्यादा की जाती है.

 

पूजन विधि-

गुप्त नवरात्रि पर्व के दिनों में सुबह जल्द उठकर दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें.

देवी पूजन की सभी सामग्री को एकत्रित करें.

पूजा की थाल सजाएं.

मां दुर्गा की प्रतिमा को लाल रंग के वस्त्र में सजाएं.

मिट्टी के बर्तन में जौ के बीज बोएं और नवमी तक प्रति दिन पानी का छिड़काव करें.

पूर्ण विधि के अनुसार शुभ मुहूर्त में कलश को स्थापित करें.

इसमें पहले कलश को गंगा जल से भरें, उसके मुख पर आम की पत्तियां लगाएं और उस पर नारियल
रखेंय

फिर कलश को लाल कपड़े से लपेटें और कलावा के माध्यम से उसे बांधें.

अब इसे मिट्टी के बर्तन के पास रख दें.

फूल, कपूर, अगरबत्ती, ज्योत के साथ पंचोपचार पूजा करें.

पूरे परिवार सहित माता का स्वागत करें, उनका पूजन, आरती करके भोग लगाएं और उनसे सुख-समृद्धि की कामना करें.

नौ दिनों तक मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करें.

अष्टमी या नवमी को दुर्गा पूजा के बाद नौ कन्याओं का पूजन करें और उन्हें तरह-तरह के व्यंजनों (पूड़ी, चना, हलवा) का भोग लगाएं.

गुप्त नवरात्रि के अंतिम दिन दुर्गा पूजा के बाद घट विसर्जन करें.

मां की आरती गाएं, उन्हें फूल, अक्षत चढ़ाएं और वेदी से कलश को उठाएं. इस तरह नवरात्रि के पूरे दिनों में मां की आराधना करें.

 


By - sagar tv news

19-Jun-2023

YOU MAY ALSO LIKE

Sagartvnews subscribe on youtube



NEWSLETTER

सागर टीवी न्यूज़ से सबसे पहले न्यूज़ लेने के लिए अभी अपना ईमेल डालें और सब्सक्राइब करें
Sagar TV News.