सागर के नमक मंडी के पास रहने वाले 74 साल के बुजुर्ग ने बुक बैंक खोला है, जिसके पास ज्यादा हो वह ले जाए, जिसके पास कम हो वह दे जाए और शुरू हो गया सिलसिला बुक बैंक का, इस बुक बैंक में कॉन्वेंट, एमपी गवर्मेंट सहित अन्य स्कूलों की किताबे एक से लेकर दूसरे को स्टूडेंट को उपलब्ध करा रहे हैं, वे अब तक 100 से अधिक बच्चो की मदद कर चुके हैं बुजुर्ग द्वारा शुरू की गई मुहिम में शहर के लोग उनके घर पर पहुंचकर पिछली क्लास की पुस्तकें जमा कर रहे हैं और जरूरत के हिसाब से उनके यहां से आगे की क्लास की किताबे ले जा रहे हैं बता दे की शहर में संचालित स्कूलों में महंगी - महंगी किताबें विद्यार्थियों को खरीदना पड़ती हैं, इसके पहले वह स्कूल में बस चलाने का काम करते थे जिससे उन्होंने अभिभावकों को परेशान होते देखा है, जैसे ही लॉकडाउन लगा तो उन्होंने बस चलाने का काम बंद कर दिया और उनके मन में कुछ नया करने का विचार आया तो, पहले कपड़े बाटने का काम किया, और अब उन्होंने अपने ही घर में बुक बैंक बना लिया और विद्यार्थियों के लिए पुस्तकें इकट्ठे करने का काम शुरू कर दिया, बुर्जग राजकुमार भैय्यन जैन ने बताया, हमने देखा कि कोरोना काल में लोगों की नौकरियां चली गई, आम आदमी परेशान है, बच्चों के लिए स्कूल फीस नहीं भर पा रहे हैं और किताबें नहीं खरीद पा रहे हैं, मन में विचार आया कि क्यों ना बुक बैंक खोला जाए, किताबें लेकर जरूरतमंदों को उपलब्ध कराई जाए
अगर लोग इसी तरह से प्रेरणा लेकर ,आगे आकर समाज के हित में काम करें ,तो जरूर ,जरूरतमंदों को मदद मिल सकेगी।