दमोह उपचुनाव में संक्रमित हुए कई भाजपा-कांग्रेस नेताओं की गई जान उजड़ गए परिवार ! || SAGAR TV NEWS ||
दमोह उपचुनाव भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों को महंगा साबित हुआ है। इन दलों के अब तक दस नेता और कार्यकर्ता कोरोना से अपनी जान गवां चुके हैं। कुछ के तो परिवार तबाह हो गए। लेकिन चुनाव बीतते ही अधिकतर अपने हाल पर छोड़ दिए गए। अपनों को खोने वालों का यही दर्द है और उनके जाने के बाद उनकी कमी पूरी नहीं कर सकते।
चुनाव के दौरान संक्रमित होकर जान गंवाने वालों में पूर्व मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर, महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष मांडवी चौहान सहित कई पदाधिकारी शामिल हैं।
दमोह की 26साल की सोनाक्षी श्रीवास्तव का दर्द शायद ही कोई समझ पाए। उनके पिता देवनारायण श्रीवास्तव भाजपा के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं। उनके कार्यकाल में 2018 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने खासी सफलता हासिल की थी। बाद में अध्यक्ष पद से वे हट गए। कोरोना की पहली लहर में कैंसर पीडि़त उनकी पत्नी दुनिया छोड़ गईं। तब सोनाक्षी ने पिता से राजनीति से हटने का आग्रह किया। लेकिन पार्टी से लगाव के चलते वे ऐसा नहीं कर सके। दमोह सीट के उपचुनाव में वे पूरी ताकत से लगे रहे। चुनाव प्रचार में पूर्व वित्तमंत्री जयंत मलैया के साथ हैलीकाप्टर से दौरे पर गए थे। मतदान के दिन एक मतदान केंद्र में पूरे दिन रुके रहे। इसी दौरान वे संक्रमित हो गए और जबलपुर के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया। जबकि भाजपा जिला अध्यक्ष प्रीतम सिंह लोधी से जब बात की तो केंद्रीय मंत्री और स्थानीय सांसद प्रहलाद पटेल सहित कई नेताओं को देवनारायण की मदद के बारे में बताया था।
चुनाव प्रचार में ही लगे भाजपा के पूर्व पार्षद महेंद्र और हटा की अनीता खटीक, युवा मोर्चा नेता संदीप पंथी, अमृता खटीक भी घर जाते ही कोरोना पॉजिटिव हुए। अपने स्तर पर ही इलाज कराया पर जान नहीं बच सकी। इन दोनों के परिवार को किसी तरह की मदद नहीं मिली है।
कांग्रेस नेता लालचंद राय जो चुनाव प्रचार में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे, वो पॉजिटिव हुए और उसके साथ ही उनकी पत्नी वंदना राय कोरोना पॉजिटिव हुईं और फिर उनका पूरा परिवार कोरोना की चपेट में आ गया। जिसके बाद उनकी पत्नी का इलाज जबलपुर के एक निजी अस्पताल में और कांग्रेसी नेता लालचंद राय का दमोह के एक निजी अस्पताल में इलाज होता रहा लेकिन मतगणना के दिन उनकी पत्नी ने अंतिम सांस ली इनके परिवार की भी चिंता करने वाला कोई सामने नहीं आया है। लालचंद राय ने बताया कि चुनाव के दौरान कई बड़े नेता उनके घर पर आए थे लेकिन उसके बाद अभी तक केवल सांत्वना ही उनको मिली हुई है
मतदान से महज कुछ घंटे पहले मंत्री की कार में पैसे होने को लेकर हंगामा करने वाले युवा कांग्रेस नेता राजेश पटेल खासा सुर्खियों में आए थे।
लेकिन मतगणना से पहले वे कोरोना पॉजिटिव हुए चुनाव जीतने के बाद प्रत्याशी अजय टंडन अस्पताल परिणाम की रात ही उन्हें देखने गए थे। उसके तीन दिन बाद राजेश की मौत हो गई थी। तो कांग्रेस सेवादल के मीडिया प्रभारी मार्तंड सिंह भी चुनाव प्रचार के दौरान कोरोना पॉजिटिव हुए थे और उनकी मौत हो गई थी।
इस बात से अंदाज़ लगाया जा सकता है कि ये उपचुनाव कितना जानलेवा साबित हुआ है। जिससे कहीं इन न कहीं चुनाव आयोग भी सवालों के घेरे में है।