शख्सियत :-डॉ.अनिल तिवारी क्यों हो रहे लोकप्रिय || STVN INDIA || SAGAR TV NEWS ||
जूनून जस्बा और जींद इन तीनो को साथ मिला दिया जाये तो सामने जो तस्वीर उभर कर आएगी वो होगी मध्यप्रदेश के सागर में रहने वाले डॉ अनिल तिवारी - स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति समाज सेवी और नेकदिल इंसान डॉ अनिल तिवारी एक उद्धरण है जिन्होंने न सिर्फ सपने देखे बल्कि उन सपनो में खुद ही पंख लगाए और उन्हें हासिल भी किया। सागर टीवी न्यूज़ की ख़ास पेशकश शख्सियत, आज बात डॉ. अनिल तिवारी डॉ अनिल तिवारी उनका आभा मंडल जैसा आज दिखाई दे रहा है वैसा कुछ आज से कुछ साल पहले तक ऐसा नहीं था। उन्होंने जो आज हासिल किया है उसके पीछे उनकी कड़ी मेहनत के साथ उनका जस्बा जूनून और पा लेने की जिद थी। ये जिद ही तो थी जिसने बचपन में जंगलो से लड़की बीन पर घर खर्च में माता पिता का सहारा बनना चाहा ये जिद ही तो थी जिसने अपनी पढ़ाई के खर्च का बोझ परिवार पर न पड़े इसलिए दूसरे बच्चो को टूशन पड़ा कर खुद के खर्च से पढाई पूरी की ये जिद ही तो थी बड़ा बनने के लिए कंधे पर नसेनी टांगकर केबिल लाइन का काम किया। ये जिद ही थी की शिक्षक की नौकरी करते करे पहले खुद के कई कॉलेज और फिर निजी विश्वविद्यालय शुरू किया। और ये जिद ही तो है की आज व्यापार के साथ समाज सेवा और राजनीति अपना एक अलग मुकाम हासिल कर चुके है। डॉ अनिल तिवारी अपने खुशमिज़ाज और हसमुख स्वाभाव के कारण सभी में लोकप्रिय है।जरूरतमंद की मदद करना उनके स्वाभाव का ही सबसे बड़ा हिस्सा है। शिक्षा के लिए लोगो को प्रेरित करना और रोजगार से युवाओ को जोड़ना उनकी दिनचर्या में शामिल है। डॉ अनिल तिवारी से एक बात सभी को सीखनी चाहिए की आखिर जिंदगी कैसी जिनी चाहिए। डॉ अनिल तिवारी आज जिस मुकाम पर हैं इसके पीछे एक बेहद लंबा संघर्ष रहा है। फिलहाल वो स्वामी विवेकानंद विवि के संस्थापक कुलपति, कई सारे छोटे बड़े कॉलेज के मालिक और व्यापार के साथ समाजसेवा और राजनीति कर रहे है वो भाजपा में बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक हैं। साथ ही चुनावी राजनीति में आने तैयार है। यहाँ भी वो अपनी बारी या यूँ कहे की सही मौके का इंतजार कर रहे है