विधानसभा के सवालों के जवाब सार्वजनिक नहीं कर पाएंगे विधायक

 

 

कोरोना संकटकाल के चलते भले ही 28 दिसंबर को होने वाला मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र स्थगित हो गया, लेकिन विधायकों  के सवालों  के जवाब जरुर दिए जाएंगे। शिवराज सरकार द्वारा जवाबों को लिखित में भेजा जाएगा लेकिन  विधायक जवाबों को सावर्जनिक नहीं कर पाएंगे।
दरअसल, मध्यप्रदेश  विधायकों द्वारा विधानसभा में 950 प्रश्न  और 200 से ज्यादा ध्यानाकर्षण लगाए है, लेकिन सत्र के स्थगित होने के चलते शिवराज सरकार के मंत्रियों द्वारा विधायकों को प्रश्न और ध्यानाकर्षण सूचनाओं का जवाब लिखित में भेजा जाएगा। लेकिन इसमें एक शर्त रखी गई है कि जब तक जवाबों को सदन के पटल पर नहीं रख दिया जाता, तब तक कोई भी विधायक इनके जवाब  सार्वजनिक नही कर सकेंगे।उम्मीद की जा रही है कि अब  फरवरी-मार्च के दौरान होने वाले बजट सत्र  के पहले दिन यह सभी जवाब  पटल पर रखे जाएंगे।

बता दे कि सर्वदलीय बैठक  के बाद नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ  का बयान सामने आया था, जिसमे उन्होंने कहा था कि विधायकों की ओर से प्राप्त सवालों के जवाब के संबंध में उन्होंने सुझाव दिया है कि विधायकों की समितियां बना दी जाएं और उनके सामने  मंत्रियों की तरफ से संबंधित विधायकों के सवालों के जवाब आना चाहिए। विपक्ष की आवाज दबना नहीं  चाहिए।
गौरतलब है कि इस साल का शीतकालीन सत्र 28 दिसंबर से प्रस्तावित था और 30 दिसंबर तक चलना था, लेकिन सत्र से पहले कराई गयी कोरोना जांच में विधानसभा के 60 से अधिक कर्मचारी और 10 विधायक कोरोना पॉजिटिव  आए थे, जिसके बाद सर्वदलीय बैठक में सर्व सम्मति से सत्र को स्थगित करने का फैसला लिया गया है।अब फरवरी-मार्च 2021 में प्रस्तावित बजट सत्र होगा।

 
 

By - sagar tv news
30-Dec-2020

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