कलेक्टर,एसपी,सीएमएचओ समेत सारा प्रशासन मौके पर,मशीनों से चल रही खुदाई | sagar tv news |
रीवा जिले के मनिका गांव में खुले बोरवेल में गिरे 6 साल के मासूम मयंक को बचाने 19 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। एनडीआरएफ—एसडीआरएफ की टीमें बिना रुके मयंक को बचाने के लिए जी—जान से जुटीं हैं।
कलेक्टर—एसपी, डॉक्टर समेत पूरा प्रशासनिक अमला भी मौके पर डटा हुआ है। सबकी आंखें मयंक को खिलखिलाते देखने के लिए बेताब हैं। उसकी मां और परिजनों का भी रो—रोकर बुरा हाल है। उत्तर प्रदेश के बनारस से आई एडीआरएफ की टीम बाकी टीमों के साथ बोरवेल से थोड़ी दूरी पर 4 पोकलेन और 8 जेसीबी मशीनों से टनल बनाने में जुटी है। हर तरफ दुआओं का दौर जारी है। सभी को पूरी उम्मीद है कि मयंक जिंदगी की जंग जीतकर बाहर आएगा।
वीओ— जैसा की सबको पता है कि रीवा जिला मुख्यालय से 90 किमी दूर मनिका गांव में शुक्रवार की शाम 4 बजे विजय आदिवासी का 5 साल का बेटा मयंक खेत में खुले पड़े बोरवेल में गिर गया था। वह 60 फीट नीचे फंसा हुआ है। जैसे ही यह खबर प्रशासन को मिली तो टीमों पर टीमें दौड़ती भागतीं घटना स्थल पर पहुंची। मप्र और उप्र की एनडीआरएफ की टीमें, एडीआरएफ, पुलिस, प्रशासन, होमगार्ड के सैकड़ों जवान मोर्चा संभाले हुए हैं। पूरी सावधानी से बोर के बाजू में पोकलेन और जेसीबी से खुदाई चल रही है। इसके लिए मोटे पाइपों की टनल तैयार हो रही है ताकि मशीनों की धमस से मिट्टी न खिसके। शाम चार बजे से ही मशीनों का शोर ऑपरेशन में लगी टीमों के अथक प्रयासों की गवाही दे रहा है।
कलेक्टर प्रतिभा पाल और पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह खुद मोर्चा संभालकर पल—पल की निगरानी में जुटे हैं। फिलहाल मयंक तक न तो इंसानी आंखों से नजर आया है और सीसीटीवी कैमरे उस तक पहुंचे हैं। ऑक्सीजन पाइप भी नहीं पहुंचा है। गड्ढे में पराली और मिट्टी होने से उस तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है। प्रशासन भी करीब 30 फीट खुदाई कर सका है।
बाइट—1 प्रतिभा पाल कलेक्टर रीवा
वीओ— 2 मयंक की सलामती के लिए जहां लोग दुआएं कर रहे हैं वहीं स्वास्थ्य विभाग भी उसकी सांसों को सहारा देने के लिए बेकरार है। सीएमएचओ डॉ संजीव शुक्ला अपनी टीम समेत मौजूद हैं। दो शिशु रोग विशेषज्ञ, दो लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस खड़ी की गई हैं। जैसे ही एनडीआरएफ टीम अपने ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाएगी उसके बाद डॉक्टर प्राथमिक उपचार के बाद उसे लेकर सीधे अस्पताल रवाना होंगे।
बाइट— 2 डॉ संजीव शुक्ला, सीएमएचओ रीवा
वीओ—3 विजय आदिवासी मजदूरी कर अपना गुजर बसर करते हैं। मयंक के अलावा एक बेटा और बेटी भी हैं। शुक्रवार को गांव के हीरामणि मिश्र के खेत में हार्वेस्टर से गेंहू की कटाई की जा रही थी। इस हार्वेस्टर के पीछे 4 बच्चे गेंहू की बाली बीन रहे थे। उसी दौरान मयंक खुले गड्डे में गिर गया। बताया जाता है की भाजपा ने हीरामणि ने 3 साल पहले इस बोरबेल को खुदवाया था, पानी नहीं आने की वजह से खुला छोड़ दिया गया और बड़ा हादसा हो गया।
इस हादसे के बाद से खेत का मालिक हीरामणि मिश्र फरार है। बताया जाता है गिरते समय बच्चे की आवाज आ रही थी। साथ वाले बच्चों और खेत मालिक हीरामणि ने रस्सी डालकर बाहर निकालने की कोशिश की थी। मयंक की मां का रो—रोकर बुरा हाल है। कल शाम से ही उसके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। वह अपने जिगर के टुकड़े को सीने से लगाने के लिए तड़प रही है। पिता विजय आदिवासी भी अपने बेटे की झलक देखने बेकरार हैं।
बाइट— विजय आदिवासी, पिता
वीओ 4—मासूम पर आई आफत से हर कोई दुखी है। हर किसी का दिल उसके बचने की प्रार्थना कर रहा है। सभी को उम्मीद है कि प्रशासन की मेहनत रंग लाएगी। देश—प्रदेश के लिए यह पहला मौका नहीं है जब खुले पड़े बारेवेल में कोई बच्चा फंसा हो। कई बच्चे इस लापरवाही की भेंट चढ़ चुके हैं। कई परिवारों खुशियां लुट चुकी हैं। अगर खेत मालिक ने चंद रुपए बचाने के लिए गड्ढा खुला न छोड़ा होता तो अमूल्य जिंदगी और प्रशासन का इतना खर्च और मेहनत जाया न जाती। हम उम्मीद ही कर सकते हैं कि आगे किसी मंयक को खुले बोरवेल में फंसकर जिंदगी और मौत से संघर्ष न करना पड़े। आगे देखते हैं सरकार एहतियात के तौर पर कौन से कदम उठाती है।