Sagar-रेलवे स्टेशन पर पटरी पार कर जा रहे दूसरे प्लेटफार्म पर जा रहे यात्री, रोकने-टोकने वाला कोई नहीं।
खुरई स्टेशन पर यात्री जान जोखिम में डालकर रेलवे पटरियां पार कर रहे हैं। अंधेरे में भी यात्री भारी सामान लेकर पटरियों के बीच से निकल रहे हैं। महिलाएं और बच्चे भी इनमें शामिल हैं। अनदेखी के चलते किसी दिन बड़ा हादसा होने की आशंका बनी हुई है। इन दिनों फसल कटाई के बाद मजदूरों का अपने परिवार के साथ घर वापस जाने का सिलसिला जारी है।
कटनी, शहडोल, उमरिया सहित अन्य जिलों को लौटने वाले यह मजदूर जल्दबाजी में अपनी अनमोल जिंदगी को ख़तरे में डालने से बाज नहीं आ रहे हैं। स्टेशन पर फुट ओवरब्रिज भी बना हुआ है। इसके बाद भी पुरुष, महिलाएं, छोटे-छोटे बच्चे भारी भरकम सामान लेकर रेलवे लाइन क्रास कर प्लेटफॉर्म नंबर एक से दो और तीन पर जा रहे हैं।
वहीं कई यात्री प्लेटफार्म पर गाड़ी आने के बाद दूसरे तरफ से ही ट्रेन में चढ़ते हैं। कई यात्री ट्रेन आने पर प्लेटफार्म पर न उतर कर पटरी पर ही उतर जाते हैं। इसके बाद यात्री जान जोखिम में डालकर रेलवे लाइन क्रॉस कर प्लेटफार्म नंबर 1 पर आते हैं। इससे कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है। बीती रात स्टेशन पर ऐसा ही नजारा दिखाई दिया।
रेलवे कर्मचारी इन मजदूरों से कहता रहा कि मालगाड़ी आने का संकेत हो चुका है लेकिन इसके बाद भी मजदूर परिवार सहित रेलवे लाइन क्रॉस कर प्लेटफार्म दो पर जा रहे थे। खुरई रेलवे स्टेशन पर रेलवे पुलिस के आरपीएफ या जीआरपी के जवान मौजूद नही रहते हैं। जबकि यह स्टेशन पश्चिम मध्य रेलवे का महत्वपूर्ण और बड़ा रेलवे स्टेशन है। इस स्टेशन से भोपाल और झांसी रेलवे स्टेशन आसानी से आ-जा सकते हैं।
यहां पर आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। जब कभी कोई ट्रेन से हादसा होता है तो रेलवे पुलिस करीब 55 किमी दूर सागर से मौके पर आती है। जिसमें काफी समय लग जाता है। कई घंटों तक बॉडी घटना स्थल पर ही पड़ी रहती हैं। यात्रियों ने बताया कि खुरई बड़ा रेलवे स्टेशन होने के बाद ही लोगों को सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। जब कभी कोई घटना हो जाए तो यात्रियों को रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए सागर भागना पड़ता है। यहां पर आरपीएफ-जीआरपी का थाना होना बहुत ही जरूरी है।