Sagar-मनचाहा सर्वे न होने से नाराज थे असरदार, शासकीय कार्य में बाधा डालने का मामला हुआ दर्ज
खुरई विधानसभा के मालथौन ब्लॉक के इमलिया दुगाहा गांव में असरदारों द्वारा कोटवार से मारपीट करने का मामला सामने आया है। असरदार उनके मनमाफिक फसल सर्वे रिपोर्ट तैयार न होने से आग बबूला थे। सरकारी कर्मचारी से हुई मारपीट के मामले में पुुलिस ने मामला दर्ज करने से ही इंकार कर दिया था। जब कोटवारों ने हुंकार भरी तब पुलिस की नींद खुली और आरोपियों के खिलाफ सरकारी काम में बांधा और जातिगत अपमान संबंधी एफआईआर ली गई। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला
सुमेर चढ़ार इमलिया दुगाहा में सरकारी कोटवार चौकीदार हैं। पिछले दिनों हुई ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश से हुए नुकसान के सर्वे में वह आरआई और पटवारी के साथ गांव में ड्यूटी कर रहे थे। आरआई, पटवारी सर्वे कर तहसील लौट गए। 6 मार्च को सुमेर सिंह सर्वे के ही कार्य से तहसील मुख्यालय जा रहे थे तभी रास्ते में गांव के दशरथ ठाकुर और आसोली निवासी धर्मेंद्र दांगी सामने आ गए।
दोनों ने सर्वे ठीक से न करने का उलाहना देकर गाली—गलौज शुरू कर दी। चौकीदार सुमेर ने समझाया कि सर्वे करना मेरा काम नहीं है वह तो पटवारी करते हैं। मैं तो केवल उनके साथ खेतों पर जाता हूं। यह सुनकर दोनों भड़क गए और जातिगत अपमान करते हुए लात—घूंसों से पीटने लगे। किसी तरह उनके चंगुल से बचकर सुमेर उजनेट पुलिस चौकी पहुंचे। यहां घटनाक्रम सुनाकर एफआईआर करने की मांग की। लेकिन पुलिसवालों ने कहा हम उनकी रिपोर्ट नहीं लिखेंगे तुम ही अपने हाथ से लिख लो।
इसके बाद वह बांदरी थाने पहुंचे वहां से पुलिस ने टरकाते हुए कहा कि उजनेट चौकी में रिपोर्ट लिखी जाएगी वहीं जाओ। सुमेरसिंह को समझ आ गया कि पुलिस असरदारों के खिलाफ रिपोर्ट लिखने से बच रही है। इसकी सूचना उन्होंने कोटवार संघ के जिलाध्यक्ष बहादुर चढ़ार को दी। कोटवार संघ ने कोटवार के साथ घटित घटना को लेकर मोर्चा खोल दिया। खुरई आकर एसडीएम कार्यालय में कलेक्टर—एसपी के नाम ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की। इसके बाद दोनों आरोपियों के खिलाफ शासकीय काम में बाधा पहुंचाने समेत अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया। फिलहाल मामला दर्ज तो हो गया है अब देखना यह है कि पुलिस की आरोपियों की गिरफ्तारी समेत अन्य कानूनी प्रक्रिया कब तक पूरी होती है।