सागर-फ्रांस के नाटक का हिंदी रूपांतरण कलाकारों को देगा सीख, जानिए क्यों खास है कंजूस नाटक ?
कंजूस नाटक बनकर तैयार सागर के रविंद्र भवन में होगा प्रदर्शन
सागर-फ्रांस के नाटक का हिंदी रूपांतरण कलाकारों को देगा सीख, जानिए क्यों खास है कंजूस नाटक ?
सागर के रविंद्र भवन में 27 मार्च को विश्व रंग मंच दिवस पर हिंदी नाटक कंजूस का प्रदर्शन होने जा रहा है। यह नाटक फ़्रांस के प्रख्यात व्यंगकार मोलियर के नाटक द माइज़र का रूपांतरण है। सागर में रंग थिएटर फोरम और रंग विरासत के संयुक्त तत्वाधान में होने जा रहा है। इस नाटक का निर्देशन वंदना वशिष्ठ ने किया है। नाटक में कुल 16 कलाकार हैं जिसमे से 11 मंच पर प्रस्तुति देंगे और बाकि 5 मंच के पीछे से सहयोग करेंगे। इस नाटक में सागर और दमोह के कलाकार शामिल हैं। रंग थिएटर फोरम संगीत श्रीवास्तव ने बताया कि यह नाटक 21 दिन की रंग कार्यशाला में तैयार किया गया है। इस नाटक का मुख्य उद्देश्य यह है कि सागर और आसपास के जो लोग नाटक की विधा को सीखना चाहते है और इसे अपना कॅरिअर बनाना चाहते है वो इस नाटक के माध्यम से अलग—अलग गुर सीख सकते हैं। बात करे कंजूस नाटक की तो यह एक ऐसे कंजूस इंसान की कहानी हैं जिसे रिश्तों से ज्यादा दौलत से प्यार है। नाटक परिवार, पैसा, प्यार और रिश्तों की उधेड़बुन की कहानी है जिसे बहुत ही हास्य और व्यंग के साथ लिखा गया है