Sagar-यूनिवर्सिटी में गौर गौरैया आवासीय कॉलोनी में खिलाया दाना, चिड़िया लेकर जताई चिंता
डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर के अभिनव प्रकल्प के तहत गौर गौरैया आवासीय कॉलोनी में विश्व गौरैया दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें लोगों ने गौरैया को दाना खिलाकर खुशी मनाई। कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि पक्षियों का वास हमेशा मनुष्य के समीप ही रहा है। भारतीय परम्परा में पक्षियों को दाना-पानी देने की परम्परा काफी समय पहले से रही है। मनुष्य अपनी जरूरतों के मुताबिक़ जंगलों को काटकर अपने रिहायशी इलाकों का विस्तार करता गया और पक्षियों का आशियाना नष्ट होता गया।
प्रकृति का इसी तरह दोहन होता रहा तो पर्यावरणीय संकट गंभीर होते जायेंगे। जैव विविधता मनुष्य के अस्तित्व के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में पक्षियों की प्रजातियां खतरे में हैं। यूनिवर्सिटी में इसी बात को ध्यान में रखकर गौरैया आवास बनाया है। बढ़ते प्रदूषण के कारण भी उन पर जीवन संकट है। उनकी त्वचा, जीवनशैली पर भी काफी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। गौरैया पक्षी खुशी का प्रतीक है।
इनके संरक्षण की दिशा में हमें इसी तरह के अभिनव पहल करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि चिड़ियों की चहचहाहट से दिन की शुरुआत होने से पूरा दिन मंगलमय बीतता है। गौरैया की सुरक्षा एवं संरक्षण में विवि की पहल देश के लिए मिशाल है। विश्वविद्यालय इस कॉर्नर को और विकसित करने के साथ ही परिसर में अन्य कई स्थलों को चिन्हित कर गौरैया संरक्षण की दिशा में प्रयास को आगे बढ़ाया जाएगा। राष्ट्रीय सेवा योजना के बजट में गौरैया के दाना-पानी और पुनर्वास के लिए बजट स्वीकृत किया गया है। मौजूद लोगों ने चिड़िया को दाना-पानी देने का संकल्प लिया।