सागर-गायत्री परिवार ने केंद्रीय जेल में खोली लाइब्रेरी, वेद, पुराण, उपनिषद पढ़कर बदलेगी जिंदगी |
अब वेद-पुराण पढ़ेंगे कैदी 1835 बंदियों ने ली दीक्षा
सागर-गायत्री परिवार ने केंद्रीय जेल में खोली लाइब्रेरी, वेद, पुराण, उपनिषद पढ़कर बदलेगी जिंदगी
केंद्रीय सागर जेल में इन दिनों ज्ञान की गंगा बह रही है। प्रज्ञा पुराण के साथ मंगलवार को गायत्री परिवार ने लाइब्रेरी का शुभारंभ कर दिया है। गायत्री परिवार ने जनसहयोग से यहां 1500 पुस्तकें दी हैं। इनमें धार्मिक, आध्यात्मिक और प्राकृतिक चिकित्सा सम्बंधित पुस्तकें शामिल हैं। जेल अधीक्षक दिनेश नरगावे ने बताया कि जेल में कई कैदी गायत्री परिवार से जुड़े हुए हैं और रोज़ सामूहिक गायत्री मन्त्र का जाप भी करते हैं। जिससे उनके मन में शांति रहती है। जेल से बाहर जाने वाले कैदी अपने साथ सकारात्मक ऊर्जा ले जाते है। प्रज्ञा पुराण के मुख्य पुजारी ने बताया कि 1835 बंदी भाइयों ने दीक्षा ली है और नियमित गायत्री उपासना के साथ जन कल्याण का संकल्प लिया है। सभी ने भारत माता को अपनी कुल देवी मानकर देश की कौमी एकता का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि इस लाइब्रेरी में वेद, पुराण, उपनिषद , दर्शन के साथ 250 से 300 साल पुराने कवियों और लेखकों की पुस्तकों का संग्रह किया गया है। बंदी भाइयों और बहनों का सुन्दर वाचनालय बनाया गया है। जो बंदी पढ़े लिखे नहीं है उनके लिए कीर्तन स्थल बनाया गया है। जहां कैदी ऋषि मुनियों के ज्ञान का आदान प्रदान कर सकेंगे।