सागर | नंद-भाभी से लेकर सास-बहू ने दी ये गजब परीक्षा, लोग बोले...

 

बेटी पढ़ कर क्या करेगी, उसे पराए घर जाकर चौका-चूल्हा ही तो करना है, कुछ दशक पहले तक यही किवदंती भारतीय ग्रामीण परिवेश की शायद सबसे बड़ी कुरीति थी। इसी कुरीति के चलते लोगों ने अपनी बेटियों को स्कूल की चौखट तक भेजने के लिए घर की दहलीज पार नहीं करने दी। इसी का परिणाम है कि आज भी भारत में लाखों, करोड़ों महिलाओं को अक्षर ज्ञान तक नहीं है, लेकिन अब ऐसी महिलाओं को साक्षर बनाने के लिए नव भारत साक्षरता कार्यक्रम से जोड़कर अक्षर ज्ञान तो सीख ही रही हैं साथ ही इसकी परीक्षा भी दे रही है यह महिलाएं पांचवी और आठवीं की परीक्षाएं भी आप दे सकती हैं

 

 

दरअसल सागर जिले के 11 विकासखंडों के 1573 केंद्रों पर नवसाक्षर बनने परीक्षा हुई। इसमें 22 हजार परीक्षार्थी शामिल हुए। परीक्षा में 15 साल के युवाओं से लेकर 80 साल तक के बुजुगों ने सहभागिता की। सिरोंजा केंद्र पर सास-बहू और ननद और भाभी ने भी साथ पेपर दिए।

60 वर्षीय द्रोपदी बाई राजपूत सास और उनकी 36 वर्षीय बहू राखी ठाकुर ने साथ परीक्षा दी। उनके अलावा 40 वर्षीय रानी अहिरवार और उनकी भाभी 31 वर्षीय हेमलता अहिरवार ने भी साथ परीक्षा दी। 

 

अमित कुमार यादव विकास खंड सह समन्वयक साक्षरता मिशन समिति रहली ने बताया कि पूरे भारत में 2023 से 2027 तक नव साक्षर अभियान चलाया जा रहा है जिसमें निरक्षरों को अक्षर ज्ञान सिखाया जा रहा है. यह परीक्षा साल में दो बार होती हैं. जल्द ही इनका रिजल्ट जारी किया जाएगा.

 

 

 

 इसके साथ ही उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन भी शुरू हो गया है। यह सब डेटा ऑनलाइन फीड किया जा रहा है ब्लॉक के बाद यह जिले में आएगा। इसके बाद ही यह बताया जाएगा कि कितने प्रतिशत परीक्षार्थी पास होकर नवसाक्षर बने।


By - sagar tv news
19-Mar-2024

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