Sagar- खेतों के भूसे से बनाये चाय कप अब हो रही इतनी कमाई, देखिए अनोखा स्टार्टअप
सागर के स्टार्टअप में भूसे से चाय के कप और स्ट्रॉ बनाए जा रहे हैं। ये कुल्हड़ और प्लास्टिक से भी सस्ते हैं। कुल्हड़, प्लास्टिक, पेपर के कप और स्ट्रॉ जहां कचरे को बढ़ावा देते हैं, वहीं भूसे से बने कप और स्ट्रॉ के उपयोग के बाद इन्हें गाय, भैंस भी खा सकते हैं। खाद के रूप में भी इनका उपयोग किया जा सकता है।
इसके चलते ये पर्यावरण के लिए बेहद फायदेमंद हैं। यह स्टार्टअप सागर की ही रहने वाली डॉ. निलय शर्मा ने बनाया है। डॉ. शर्मा 40 हजार कप प्रतिमाह उपलब्ध करा रहे हैं। चाय कंपनियों की फ्रेंचाइजी से एग्रीमेंट भी हो गया। सागर में चाय स्टाॅल और नए खुले कैफे वाले भी हमारे द्वारा बनाए गए चाय के कप ले हैं। अभी सागर के अलावा भोपाल, सतना, रीवा, जबलपुर में भी इनकी सप्लाई हम कर रहे हैं। 10 हजार भूसे के कप बनाने पर 5 हजार का तक का मुनाफा आसानी से हो सकता है।
स्ट्रॉ और कप बनाने के फॉर्मूला पर शर्मा कहती हैं कि कंटेंट पूरे नहीं बता सकती पर इसमें भूसा को ग्राइंड किया और खाने वाली चीजों का पेस्ट बनाया। इसमें किसी भी प्रकार के कैमिकल का उपयोग नहीं है। जो हम खाते हैं, वही सामग्री मिलाई है। उसी से बाइंडर तैयार किया और उसे मोल्ड किया। इसी तरह कप और स्ट्रॉ बना रहे हैं। डॉ.शर्मा ने बताया स्टार्टअप में अभी जरूरी भूसा आसानी से किसानों से मिल गया।
पराली जलाने से मिट्टी के बैक्टीरिया भी जल जाते हैं। उर्वरता प्रभावित होती है। हम भूसा खरीदेंगे तो पराली नहीं जलाना पड़ेगी। प्लास्टिक जलने पर प्रदूषित करता है। कागज के लिए पेड़ काटे जाते हैं। ऐसे में हमारा प्रोजेक्ट मिट्टी, पानी और हवा के संरक्षण के साथ ही प्लास्टिक पॉल्यूशन को भी कम करेगा। जल्द ही इसे बड़े स्तर पर चालू करने की योजना है,