खेत में लहलहा रहा था काला सोना, जांच में जुटी पुलिस, जानिए पूरा मामला
छतरपुर जिले में अवैध रूप से अफीम की खेती का मामला सामने आया है। अफीम के पौधे भी दस-बीस नहीं बल्कि ढाई लाख के लगभग पौधे बोए गए थे। फसल से अफीम निकाल ली गई थी। कटाई के बाद पुलिस तक खबर पहुंच सकी। तीन थानों की पुलिस ने छापामारी कर डेढ़ बीघा खेत से अफीम के पौधे जब्त किए हैं।
पूरा मामला किशनगढ़ थानाक्षेत्र के चपनेर गांव का है। बिजावर एसडीओपी शशांक जैन के नेतृत्व में छापामारी हुई थी। आपको बता दें कि मप्र में रतलाम, मंदसौर और नीमच जिलों में ही अफीम की खेती के पट्टे दिए जाते हैं। हरी फसल से अफीम निकाली जाती है। इसकी कीमत एक से सवा लाख रुपए किलो तक रहती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत इससे कहीं अधिक रहती है। इसे काला सोना कहा जाता है।
ड्रग्स माफिया इसकी स्मगलिंग करते हैं। नारकोटिक्स विभाग अफीम की खेती और कारोबार से जुड़े मामलों का नियंत्रण करता है। पट्टा जारी होने के बाद किसान को उतनी जगह में निकलने वाली अनुमानित अफीम विभाग को सौंपनी पड़ती है। लेकिन छतरपुर में डेढ़ बीघा जमीन में अफीम की खेती बिना अनुमति होती रही। जब फसल कट गई तब कहीं जाकर पुलिस को भनक लग सकी।
छतरपुर एसपी अमित सांघी ने बताया कि दो से ढाई लाख अफीम के पौधे जब्त किए हैं। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो से कार्रवाई को लेकर संपर्क किया है। दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। फिलहाल एनडीपीएस एक्ट का प्रकरण दर्ज किया है।