BJP का मजबूत किला है सागर Lok Sabha, लगातार आठवीं जीत पर नजर, जानिए कैसा है इतिहास
मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड अंचल के मुख्यालय वाली सागर लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश की सीमा से लगी है। बेतवा, धसान और सुनार नदी से घिरा यह इलाका कभी बीड़ी के कारोबार का बड़ा केंद्र हुआ करता था। लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है। सागर संसदीय सीट की पहचान डा हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय से है ।अब यह मध्यप्रदेश की एकमात्र सेंट्रल यूनिवर्सिटी में अपग्रेड हो चुकी है। इसके साथ ही सेना की महार रेजीमेंट , राज्य पुलिस अकादमी, राज्य फोरेंसिक लैब से लेकर आकाशवाणी केंद्र, बीना आइल रिफायनरी और जे पी पावर प्लांट से होती है। इसके साथ उत्तर भारत के प्रमुख रेलवे जंक्शन में से एक बीना जंकशन सागर संसदीय सीट का हिस्सा है।
यदि राजनेतिक तस्वीर की बात करे तो सागर लोकसभा क्षेत्र आरक्षण और पारिसीमन से हमेशा प्रभावित रहा है।
बुंदेलखंड अंचल की प्रमुख लोकसभा सीट सागर में स्वतंत्रता के बाद शुरुआती दशकों में जनता लगातार कांग्रेस पर विश्वास जताती रही। वर्ष 1952 से 1984 तक एकाध अपवाद छोड़ कर लगातार कांग्रेस को जीत मिलती रही, लेकिन वर्ष 1996 के बाद यह क्षेत्र भाजपा का मजबूत गढ़ बन चुका है। लगातार बीजेपी का दबदबा बना हुआ है। सन 1952 से 1962 तक यह सामान्य सीट रही। इसके बाद 1967 से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गई। इसके बाद नए आरक्षण और परिसीमन में सन 2009 से सामान्य सीट बन गई।
सागर सीट से सर्वाधिक चुनाव जीतने का रिकार्ड मोजूदा केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार का है। वे सागर सीट से लगातार चार दफा चुनाव जीते। इसके बाद सामान्य सीट होने पर डा वीरेंद्र कुमार टीकमगढ़ सीट से प्रत्याशी बने और चुनाव जीते। इसके बाद स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित ज्वाला प्रसाद ज्योतिषी भी दो बार चुनाव जीते है
सागर संसदीय सीट से एक इतिहास गोवा मुक्ति आंदोलन से भी जुड़ा है। गोवा मुक्ति आंदोलन की वीरांगना सहोदरा बाई राय ने सागर संसदीय से दो दफा प्रतिनिधित्व किया है। सहिद्राबाई राय वह वर्ष 1942 के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जेल गई थीं। वहीं, वर्ष 1955 में उन्होंने गोवा मुक्ति आंदोलन में पुर्तगालियों से लोहा लिया था। आंदोलन में उन्हें दो गोलियां दाएं हाथ में और एक गोली पेट में लगी। उनकी जान बचा ली गई।
सामान्य सीट होने के बाद भूपेंद्र सिंह, लक्ष्मीनारायण यादव, राजबहादुर सिंह लोकसभा का चुनाव जीते। पिछले सात चुनावी से बीजेपी काबिज है। इस दफा भाजपा ने मौजूदा सांसद राजबहादुर सिंह के स्थान पर महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष डा लता वानखेड़े को उम्मीदवार बनाया है।