सागर- जेल में कैदियों की बल्ले-बल्ले, नाच-गाना, खेल-कूद के साथ कर रहे मस्ती, पहली बार ऐसा आयोजन
जेल की चार दिवारी के अंदर रहने से कैदी डिप्रेशन, फ्रस्ट्रेशन तनाव में आ जाते हैं. क्यों कि जेल की कल्पना करने से वहां पत्थर तोड़ते चक्की पीसते लोगों की तस्वीरे घुमड़ने लगती हैं लेकिन अब माहौल बदल रहा है क्षणिक गलती के कारण हुई घटना की वजह से सजा काट रहे हैं, योग ध्यान सकारात्मक आध्यात्मिक तरीके के साथ कामकाज को करते हुए अपनी समय अवधि को सामान्य तरीके से पूरी कर ले,
ऐसे में बंदियों के शारीरिक और बौद्धिक उन्नति के लिए अनूठी पहल की जा रही है, पहली बार केंद्रीय जेल के अंदर आनंद उत्सव कार्यक्रम किया जा रहा है जिसमें नाच गाना खेलकूद और अन्य मस्ती करने की गतिविधियां शामिल है.
स्पोर्ट गतिविधियों में क्रिकेट, बास्केटबॉल कैरम, चेस, कबड्डी जैसे गेम शामिल है तो वही कल्चरल एक्टिविटी में नृत्य गायन भजन वादन में कैदियों ने भाग लिया है. तीन दिन तक जेल के अंदर होने वाले आनंद उत्सव में 700 कैदी हिस्सा ले रहे हैं. सिद्दत फाउंडेशन और केंद्रीय जेल के संयुक्त तत्वाधान में आनंद उत्सव मनाया जा रहा है. जिससे कैदियों को तनाव मुक्त वातावरण मिल सके.
जेल अधीक्षक दिनेश नरगावे ने बताया कि जेल एक ऐसी जगह होती है जिसे स्ट्रेस फुल माना जाता है. तरह-तरह की चिंताएं लगी होती हैं ऐसे में डिप्रेशन से कैदियों को निकालने के लिए तरह-तरह की गतिविधियों की जाती हैं अभी कल्चरल एक्टिविटी और सपोर्ट एक्टिविटी की जा रही है
जेल के कैदियों और स्टाफ को फ्री में योग ध्यान कराने वाली शिद्दत फाउंडेशन की डॉक्टर श्वेता नेमा ने बताया कि इस तरह के आयोजन से कैदियों में नई ऊर्जा नया उत्साह का संचार होता है जिससे बाहर निकालने के बाद वह सकारात्मक रहे