सागर-मिलावट रोकने में नाकाम अफसरों से कमिश्नर नाराज, अब विशेष दलों से होगी निगरानी
खाद्य सामग्री में मिलावट करने वालों पर अधिकारी मेहरबान हैं। संभाग में मिलावटखोरों पर लंबे समय से कार्रवाई देखने को नहीं मिली है। कमिश्नर डाॅ वीरेंद्र सिंह रावत अधिकारियों की इस मनमानी से खासे नाराज हैं। वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से खाद्य सुरक्षा समीक्षा की बैठक में उन्होंने अधिकारियों की जमकर क्लास ली और विशेष दल गठित करने के निर्देश दिए। नकली दूध और दूध से बने मावा, पनीर, दही, घी
बनाने वालों पर थानों में एफआईआर दर्ज कराने निर्देशित किया। अब विशेष निगरानी दल बनाकर दुकान-होटलों की जाएगी। निगरानी दल में खाद्य सुरक्षा विभाग, दुग्ध संघ, पुलिस, नापतौल, खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारी शामिल रहेंगे। पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी में खाद्य सुरक्षा के संबंध में कार्रवाई न होने पर नाराजगी जताई। उन्होंने सभी जिलों के कलेक्टर को निर्देशित किया कि अधिक से अधिक कार्रवाई
कर प्रत्येक माह प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। जिले में मिलावटी खाद्य पदार्थों की जानकारी का डाटा संकलित करें। चलित खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला में प्रारंभिक जांच कर मिलावट पाये जाने पर एफआईआर दर्ज कराएं। इस अवसर पर सागर कलेक्टर दीपक आर्य, पन्ना कलेक्टर हरजिंदर सिंह, कलेक्टर टीकमगढ अवधेश शर्मा, छतरपुर
कलेक्टर संदीप जीआर, दमोह कलेक्टर मयंक अग्रवाल, निवाड़ी कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा वर्चुअल कांफ्रेंस से जुड़े रहे। अन्य अधिकारी बैठक में प्रत्यक्ष रूप से शामिल हुए। बैठक में कमिश्नर ने सख्ती तो दिखाई है लेकिन यह सख्ती पहले से ही कानून में मौजूद है। ऐसे में देखना यह है कि अधिकारी कमिश्नर साहब के निर्देशों को कितना महत्व देते हैं।