पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा बोले जहां कमलनाथ जाएंगे वहीं मैं भी जाउंगा, हाईकमान डैमेज कंट्रोल में फेल
पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा बोले जहां कमलनाथ जाएंगे वहीं मैं भी जाउंगा, हाईकमान डैमेज कंट्रोल में फेल
इस वक्त देश की राजनीति में बड़ी हलचल मची हुई है। कांग्रेस के बड़े नेता कमलनाथ ने पार्टी को अलविदा कह दिया है। खबर आ रही है कि उन्होंने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उनके बेटे नकुलनाथ ने सुबह ही अपने ट्वीटर एकाउंट से कांग्रेस को उड़ाकर इसके संकेत दे दिए थे। शाम को पिता कमलनाथ ने निर्णय ही सुना दिया। दोनों पिता-पुत्र के भारतीय जनता पार्टी में जाने की अटकलें चल रही हैं। विधानसभा चुनाव हार के बाद आलाकमान द्वारा कमलनाथ की पीसीसी चीफ की कुर्सी छीन ली थी। तभी से लगने लगा था कि अंदरखाने में बहुत कुछ गड़बड़ चल रहा है। पिता-पुत्र ने छिंदवाड़ा में ही खुद को लोकसभा प्रत्याशी घोषित कर बगावत का ऐलान कर दिया था। आज के घटनाक्रम में साफ हो गया कि नाथ अब कांग्रेस को अनाथ कर कमल का दामन थाम रहे हैं। इस बीच कांग्रेस के ही बड़े नेता और कमलनाथ के करीबी पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का बयान चर्चाओं में है। मीडिया बात करते हुए वर्मा कह रहे हैं कि पार्टी को उनसे बात करनी चाहिए। लोकसभा चुनाव सिर पर हैं। नीतिश कुमार जी भाग गए हैं, केजरीवाल कह रहे हैं एक सीट नहीं देंगे। अखिलेश यादव कह रहे चार-पांच सीट चाहिए हो तो ले लो। ये डैमेज कंट्रोल करने की जबावदारी हाईकमान और वरिष्ठ नेताओं की है। इसमें हम कमजोर साबित हो रहे हैं। हालांकि वे कमलनाथ के पार्टी छोड़ने पर गोल मोल जवाब दे रहे हैं। अचानक से उनके दिल्ली जाने पर उनका तर्क है कि उन्हें बहुत काम रहते हैं। उन्हें भाजपा में जाने की जरूरत नहीं। फिर जब उनसे पूछा कि अगर कमलनाथ भाजपा में जाएंगे तो क्या आप भी जाएंगे। इस पर उन्होंने कहा कि वे 40 साल से कमलनाथ के साथ हैं। उनके कदम जहां जाएंगे मैं भी वहीं जाउंगा। सज्जन वर्मा ने सुबह ही अपने सोशल मीडिया एकाउंट से कांग्रेस का निशान हटा दिया था। इसे भी उन्होंने अपने नेता का अनुशरण बताया। सज्जन सिंह वर्मा की बात से यह साफ है कि हाईकमान ही डैमेज कंट्रोल में कमजोर साबित हो रहा। इसलिए ही बड़े-बड़े नेता पार्टी छोड़ने मजबूर हो रहे हैं। उनके बयान से यह भी साफ है कांग्रेस में मची भगदड़ आने वाले दिनों में और बढ़नी है।