पूर्व सीएम कमलनाथ की भाजपा नेताओं से अकेले में मुलाकात! क्या कांग्रेस को लगेगा झटका?

 

कांग्रेस में इन दिनों कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। बड़ी संख्या में कांग्रेस के सिपाही सत्ताधारी भाजपा का दामन थाम रहे हैं। इस पर लगाम कसने में शीर्ष नेतृत्व उदासीन नजर आ रहा है। मप्र में तो कांग्रेस में भगदड़ जैसी स्थिति नजर आ रही है। पिछले एक सप्ताह में दो बड़े महानगरों के महापौर समेत कई चयनित जनप्रतिनिधि बीजेपी का दामन थाम चुके हैं। इस बीच कांग्रेस के पूर्व पीसीसी चीफ और पूर्व सीएम कमलनाथ की भाजपा के बड़े नेताओं के साथ तस्वीर सामने आई है। बताया जाता है कि विधानसभा के एक कक्ष में

 

सीएम डाॅ मोहन यादव, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्रसिंह तोमर, मंत्री प्रहलाद पटैल, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की कमलनाथ से गुप्तवार्ता हुई है। दिग्गजों के बीच क्या बात हुई यह तो अभी साफ नहीं हो पाया है लेकिन इससे राजनैतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। पिछले कई दिनों से कमलनाथ के भाजपा में जाने की अटकलें चल रही हैं। ऐसे में यह मुलाकात अटकलों को बल देती नजर आ रही है। विधानसभा चुनाव तक मप्र कांग्रेस की कमान कमलनाथ के हाथ ही थी। सरकार बनने के सपनों के बीच वही सीएम चेहरा थे। लेकिन करारी हार से मानों सब कुछ बिखर सा गया। आलाकमान को मप्र में सरकार बनाने

 

की पूरी गुजांइशें नजर आ रही थीं। लेकिन परिणाम विपरीत आए। इसके बाद कांग्रेस पीसीसी चीफ का पद अचानक कमलनाथ के हाथ से चल गया। करीब एक महीने तक वे नजर नहीं आए। यहां तक कि नवनियुक्त पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के कार्यभार ग्रहण से भी दूरी बनाए रहे। विधानसभा में भी वे एक माह बाद शपथ लेने पहुंचे। जिस तरह भाजपा ने सीएम पद से शिवराज सिंह चैहान दूर किया वैसे ही कांग्रेस में कमलनाथ भी हासिए पर दिखाई दे रहे हैं। अब पार्टी में उनकी पहले जैसी सक्रियता नहीं रही है। ऐसे में उनके कांग्रेस छोड़ने की अटकलें चलने लगी हैं। हाल ही में छिंदवाड़ा प्रवास के दौरान उनसे

 

पत्रकारों ने पूछा कि पार्टी से बड़े-बड़े नेता पार्टी छोड़ रहे हैं, इस पर उन्होंने दो टूक कहा था कि कोई किसी पार्टी से बंधा थोड़ी है। इसी दौरान उन्होंने बेटे नकुलनाथ या उनके लोकसभा चुनाव लड़ने पर कहा था कि अभी चर्चा चल रही है जो जीतता है उसे पार्टी उसे टिकट देती है। इस बयान के दूसरे दिन सांसद नकुलनाथ ने छिंदवाड़ा में मंच से खुद को कांग्रेस का उम्मीदवार घोषित कर दिया। कमलनाथ ने भी इस पर मुहर लगा दी। इन सब से लग रहा है कि पिता-पुत्र इस समय बगावती मूड मे हैं। एक चर्चा यह भी है कि

 

कमलनाथ इस उम्र में पार्टी छोड़ने का निर्णय नहीं ले पा रहे ऐसे में उनके बेटे के भाजपा में समर्थकों समेत जाने की आशंका है। हालांकि इन सभी बातों पर दोनों पार्टियों की ओर से कोई अधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। भाजपा के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय बयान दे चुके हैं कि कमलनाथ के लिए पार्टी के दरवाजे बंद हैं। उन्होंने कमलनाथ की तुलना बासे फल से कर डाली। खैर राजनीति में बयान कभी स्थाई नहीं होते। बिहार में मची उठा पठक से ही इस बात का समझा जा सकता है। कांग्रेस और

 

गांधी परिवार के खास कहलाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी को पहले ही अलविदा कह चुके हैं। अब गांधी परिवार के सदस्य समझे जाने वाले कमलनाथ को लेकर अटकलों का दौर चलने लगा है। कमलनाथ ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी, राजीव गांधी समेत सोनिया गांधी के साथ राजनीति की है। इसके बाद भी उनका पाला बदलने की अटकलें चैंकाने वाली हैं। जब धुंआ उठ रहा है तो कुछ न कुछ बात तो होगी ही। कमलनाथ और उनके बेटे कांग्रेस के निष्ठावान सिपाही बने रहेंगे या कुछ बदलाव देखने को मिलेगा यह तो आने वाला समय बताएगा। लेकिन फिलहाल तो राजनीति की यह अटकलें चर्चा का केंद्र बनी हुई हैं।


By - sagar tv news
09-Feb-2024

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