Sagar-32 सौ एकड़ जमीन का अतिक्रमण छोड़ गरीब महिला को किया बेघर। क्या बोले ग्रामीण
खुरई के बसाहरी गांव में प्रशासन के बुलडोजर ने एक मकान को अवैध बताते हुए तहस—नहस कर दिया। प्रशासन जहां अपनी कार्रवाई को उचित बता रहा है तो ग्रामीण इसे पक्षपाती रवैया बता रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि अगर प्रशासन को अतिक्रमण हटाना ही है तो 3200 एकड़ सरकारी जमीन को मुक्त कराए। मजदूरी कर पेट पाल रहे गरीबों के घर तोड़कर अधिकारी झूठी वाह—वाही लूटते हैं।
दरअसल प्रशासन ने गांव की सरकारी जमीन पर बनाए एक कच्चे मकान को दलबल के साथ जाकर धराशायी कर दिया। जिस महिला का घर तोड़ा गया है वह ईट भट्ठों का काम करती है। पंद्रह साल से उस स्थान पर कच्चा मकान बनाकर रह रही थी। महिला सहित अन्य ग्रामीणों ने खुरई पहुंचकर एसडीएम रवीश कुमार श्रीवास्तव के सामने आरोप लगाते हुए कहा कि उसके साथ ही केवल यह भेदपूर्ण कार्रवाई हुई है।
बसाहरी गांव निवासी सावित्री बाई ने बताया कि वह ईंट भट्ठों का काम करती है। वह अपने खेत पर गई हुई थी और घर पर केवल एक दिव्यांग बेटा था। उसी समय प्रशासन के लोग आए और घर में तोड़फोड़ कर दी। कच्ची ईंटो को भी प्रशासन ने नष्ट कर दिया है। इससे करीब 50 हजार रूपए का नुकसान हुआ है।
इसके बाद बसाहरी गांव के करीब चार दर्जन लोग खुरई पहुंचे प्रशासन की कार्रवाई को पक्षपाती बताया। गांव के करन सिंह राजपूत, नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने बताया कि एक व्यक्ति को ही टारगेट किया जा रहा है। जिन लोगों के पट्टे नहीं बने हैं उनके पट्टे बनाकर प्रदान किए जाएं और आवासीय नक्शा पास करवाए जाएं। गांव में 3200 एकड़ रकबे पर से ही अतिक्रमण हटाया जाए।