पश्चिम बंगाल और यूपी तक फैला रखा था जाल, वॉटसअप से चलता था कारोबार
जबलपुर के आलीशान फ्लैट में हाइटेक तरीके से चलने वाले सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। इसमें पुलिस ने मौके से चार युवतियों और पांच युवकों को पकड़ा है। युवतियां उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल से आई थीं। सभी के खिलाफ देह व्यापार के तहत प्रकरण कायम किया है। ग्राहकों की बुकिंग करने वाले दलाल कार्रवाई की खबर से अंडर ग्राउंड हो गए हैं।
उनकी तलाश की जा रही है। बताया जाता है बड़ा नेटवर्क खड़ा कर देह व्यापार का कारोबार चलाया जा रहा था। इसमें बाकायदा वॉटसअप ग्रुप बनाया गया था। इसमें वॉटसअप कॉलिंग के जरिए ही मुंह दिखाई होती थी इसके बाद सौदा पक्का होने पर युवतियों की सप्लाई होती थी। युवतियां शहर में लंबे समय नहीं रहती थीं। दलालों के सौदा फिक्स होने के बाद देह बेचने वाली युवतियों को बुलाया जाता था।
लड़कियां ट्रेन के एसी कोच, एसी बस और कारों से आती थीं। वीआईपी ग्राहक फंसने पर फ्लाइट से भी तत्काल कालगर्ल की व्यवस्था होती थी। इसका रेट अलग से तय होता था। यहां उनके रहने के लिए लग्जरी होटलों की व्यवस्था रहती थी। पुलिस ने बुधवार की देर रात को ग्वारीघाट थाना के आस्था परिसर अपार्टमेंट में मुखबिर की सूचना पर दबिश डाल दी। इसमें पांच लड़के और चार लड़कियां संदिग्ध हालत में पाए गए। सभी को पकड़कर थाने लाया गया। इसके बाद सेक्स रैकेट के राज उजागर हुए। ज्यादातर कॉलगर्ल का रेट एक हजार से पांच हजार रुपए तक में होता था।
देह व्यापार में आशु उर्फ आशुतोष नाथ, निखिल, साहिल और इम्तियाज के नाम सामने आ रहे है। अभी यह सब पुलिस गिरफ्त से बाहर है। पुलिस ने अभी तक नीलेश तिवारी, विशाल कुमार, ऋतिक जाट, राजा यादव और कार्तिकेय मिश्रा को गिरफ्तार किया है। पुलिस से बचने के लिए स्पा सेंटर में सप्लाई होती थी। ग्वारीघाट के आस्था अपार्टमेंट में मिटिंग होती, फिर यही से कार से लड़कियां अलग-अलग ठिकानों पर भेजी जाती थीं।
देह व्यापार का सरगना नीलेश तिवारी है। उसने शहर के आस्था अपार्टमेंट में 12000 रुपए महीने पर फ्लैट किराए पर ले रखा था। इस पूरे रैकेट में जबलपुर के अलावा कई जिलों के लोग शामिल बताए जाते हैं। कॉलगर्ल की बुकिंग के लिए गैंग ने बाकायदा व्हाट्सएप ग्रुप बना रखा है। इस ग्रुप में जबलपुर के अलावा आसपास के जिले ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों की लड़कियां और लड़के भी जुड़े हुए है।
एक ग्रुप के एडमिन कई लोग है। पुलिस से बचने के लिए ग्रुप के लोग नार्मल काल हमेशा व्हाटसअप काँल पर ही बात किया करते थे। पुलिस को ग्रुप में दलालों और लड़कियों के बीच बातचीत के सबूत मिले है। करण उर्फ नीलेश तिवारी ने पूछताछ में बताया कि 500 से 1000 रुपए तक ये लड़कियों को देते थे। बाकी खुद रख लेते थे। आरोपियों के कब्जे से मोबाइल नकदी और आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई है।