पन्ना टाइगर रिजर्व के प्रतिबंधित क्षेत्र में मेटल डिटेक्टर लेकर कैसे घुसे गड़ा खोदने वाले ?
गड़ा धन खोदने पहुंचे जंगल कार लेकर बाघों के बीच घुसे
पन्ना टाइगर रिजर्व के प्रतिबंधित क्षेत्र में मेटल डिटेक्टर लेकर कैसे घुसे गड़ा खोदने वाले ?
पन्ना टाइगर रिजर्व में गड़ा धन खोदने वाले नजर जमाए बैठे हैं। हाल ही में रिजर्व के प्रतिबंधित क्षेत्र में आधा दर्जन लोग कार और बाइक लेकर कई किलो मीटर अंदर तक घुस गए। गड़ा धन खोदने वाले अपने साथ जमीन के नीचे छिपे खजाने की पहचान करने साथ में मेटल डिटेक्टर भी ले गए थे। इस घटना से वन विभाग की चौकसी पर सवाल खड़े हो गए हैं। बाघों के बीच आखिर पूरी तैयारी से इतने लोग कैसे घुसे इसका जवाब अभी तक सामने नहीं आया है। हालांकि जंगल में घुसने के बाद धन खुदाई होती उसके पहले ही सुरक्षाकर्मियों ने पूरी गैंग को धर दबोचा। अवैध रूप से रिजर्व क्षेत्र में घुसने पर वन अपराध दर्ज किया है। लगे हाथ पांच—पांच हजार रुपए के निजी मुचलके पर छोड़ भी दिया। वन अधिकारियों का तर्क है कि सभी को इस शर्त पर छोड़ा है कि जब भी बुलाएंगे तो आना पड़ेगा। आपको बता दें कि टाइगर रिजर्व की सुरक्षा में सेंधमारी की घटना रविवार की दोपहर की है। शाम करीब 4 बजे मैदानी अमले को वायरलेस स्टेशन से सूचना मिली तो हड़कम्प मच गया था। टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने इस पूरे मामले को दबाए रखा। प्रतिबंधित क्षेत्र में गड़ा धन खोजने के लिए सभी आरोपी सफेद रंग की इनोवा कार और बाइक से पहुंचे थे। यह लोग कोर जोन के कई किमी अंदर बलैया बीट के मडैयन सेहा की गढ़ी तक घुस आए थे। अमले ने मौके से पुष्पेंद्र गुप्ता छतरपुर, मूरत सिंह यादव पन्ना, मुन्नालाल शर्मा छतरपुर, शैलेंद्र यादव टीकमगढ़, हरगोविंद सोनी टीकमगढ़ और गुजरात के रामभाई पिता किशोरभाई को हिरासत में लिया था। इस घटना से बाघों और दूसरे वन्य प्राणियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। ऐसे में लचर सुरक्षा व्यवस्था का फायदा उठाकर शिकारी गिरोह भी वन्य प्राणियों को नुकसान पहुंचा सकता है। पन्ना टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर बृजेंद्र झा का कहना है कि टीम ने तत्परता से घेराबंदी कर पकड़ा गया है। अमला सजग है।