सागर-रामलला दर्शन की आस में नंगे पांव 750 किमी पैदल यात्रा। जानिए मनोकामना
नंगे पांव अयोध्या की पैदल यात्रा मनोकामना लेकर निकले भक्त
सागर-रामलला दर्शन की आस में नंगे पांव 750 किमी पैदल यात्रा। जानिए मनोकामना
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद दर्शन का सिलसिला शुरू हो चुका है। गांव—गांव से रामभक्त पैदल ही अयोध्या के लिए रवाना हो रहे हैं। ऐसा ही पांच रामभक्तों का समूह विदिशा जिले के देवपुर से पैदल ही निकल पड़ा है। इसमें दो सदस्य नंगे पांव चल रहे हैं। उनका कहना है कि रामलला के दर्शन के बाद ही पांव में जूता—चप्पल पहनेंगे। उनके सामने 750 लंबी यात्रा का लक्ष्य है। फिलहाल यात्रा खुरई के पास बसाहरी गांव पहुंची है। जानकारी के मुताबिक विदिशा जिले के सिरोंज तहसील के रहने वाले रामचरण नायक निवासी बांसखेड़ी अजीत, धनसिंह नायक निवासी तनेरा, खिलान सिंह नायक निवासी देहरी, किशन नायक निवासी हिन्नोतिया माली और फूल सिंह नायक निवासी हिन्नोतिया माली भगवान के दर्शन को निकले हैं। रामचरण नायक ने बताया कि प्रवास के दौरान जनमानस का पूरा सहयोग और साथ मिल रहा है। जहां अंधेरा हो जाता है वहीं रात्रि विश्राम कर लेते हैं। मंदिर अथवा सामुदायिक भवन में रात्रि विश्राम के बाद वह अगले पड़ाव के लिए निकल पड़ते हैं। उन्होंने बताया कि श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पहले ही उन्होंने अयोध्या जाने का निर्णय लिया था लेकिन उस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण उन्होंने अयोध्या जाना स्थगित कर दिया था। श्री रामलला के दर्शन और पूजा अर्चना की उनकी बहुत इच्छा है। इस इच्छा को पूर्ण करने उन्होंने एक प्रण भी किया है। जब तक श्री रामलला के दर्शन नहीं हो जाएंगे तब तक वे चरण पादुका धारण नहीं करेंगे। बता दें कि बीना, खुरई, मालथौन शहर से होकर सैकड़ों श्रद्धालु अभी तक अयोध्या के लिए रवाना हो रहे हैं। गांव के लोग जगह-जगह उनका स्वागत भी कर रहे हैं। ऐसे ही पांच लोगों का समूह जब बसाहरी गांव से निकला तो खिमलासा मंडल के भाजपा अध्यक्ष चित्तर सिंह राजपूत सहित उनकी टीम ने उनका स्वागत कर उन्हें भोजन प्रसादी कराई।