अच्छी मजदूरी का लालच देकर ले गए महाराष्ट्र फिर किया परेशान। प्रशासन ने छुड़ाया
शाहगढ़ के पापेट गांव में गन्ना मजदूरी में अच्छा वेतन देने का लालच देकर 19 मजदूरों को महाराष्ट्र के परभनी जिले में बंधुआ मजदूर बना लिया गया। परेशान मजदूरों ने सागर कलेक्टर दीपक आर्य से मदद मांगी। इसके बाद उन्हें मुक्त कराकर उनके गांव वापस लाया गया। जानकारी के मुताबिक अनरत आदिवासी एवं लक्ष्मण आदिवासी द्वारा शिकायत की गई थी कि मेरे परिवार के सदस्यों को महाराष्ट्र के परभनी जिले के कुछ लोग गन्ना मजदूरी करने के लिए ले गए। हमसे कहा गया था कि गन्ना मजदूरी के बदले अच्छी मजदूरी प्रदान की जाएगी। दो लोडिंग पिकअप गाड़ी से दो दिन की यात्रा करने के बाद परभनी महाराष्ट्र राज्य पहुंचे। ठेकेदार द्वारा ग्राम मोगरा गन्ना खेत पर झोपड़ी बना कर रहने को कहा गया
और खेत पर गन्ना कटाई का काम शुरू कराया गया। सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक 11-12 घंटे काम कराया जाने लगा। दो माह की मजदूरी नहीं दी। मजदूरी की मांग की गई तो मालिक द्वारा अपशब्द बोले गए और जान से मारने की धमकी दी गई। एक दो महिला साथी मजदूरों के साथ मारपीट भी की उन्होंने बताया कि उनसे जबरदस्ती देर रात तक काम कराया जा रहा है। राशन के लिए भी पैसे नहीं दिए जा रहे हैं। कलेक्टर ने सिटी मजिस्ट्रेट जूही गर्ग को महाराष्ट्र पुलिस से संपर्क करने के लिए कहा। सागर एवं महाराष्ट्र में जन साहस एवं विकास मंडल संस्था का भी सहयोग लिया गया। इस तरह सभी
19 आदिवासी मजदूर भाई-बहन सकुशल सागर आए। प्रभारी कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला ने तिलक लगाकर पुष्प गुच्छ से स्वागत किया गया। इसके बाद सभी को विशेष वाहन से उनके गृह ग्राम तक पहुंचाया गया है शेष कार्रवाई की जा रही है। मजदूर क्रेश पिता नन्हे लाल, हल्लू आदिवासी, रानी आदिवासी, चतुर आदिवासी, शिवाजी पिता चतुर, जनकरानी आदिवासी आदि ने प्रशासन का आभार माना। प्रभारी कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला ने जिले वासियों से अपील की है कि कोई भी व्यक्ति बहकावे में न आए और किसी के कहने पर अपना जिला ना छोड़े। कोई भी बाहरी व्यक्ति किसी भी प्रलोभन देते हैं तो इसकी सूचना संबंधित थाने में देकर ही दूसरे जिले में काम करने जाएं।