सागर - सिर्फ ऑर्डर नहीं सुनाते जज साहब... राम कथा से सद्मार्ग पर चलने का भी बताते हैं रास्ता
आमतौर पर एक जज की छवि ऐसी होती है, कि लोग आसपास भटकने से भी डरते हैं. मुलजिमों के तो ये हाल होते हैं कि जज के सामने पसीना छोड देते हैं, लेकिन सागर जिला न्यायालय के प्रधान जिला न्यायाधीश की बात कुछ और ही है. इन जज साहब की जितनी न्यायप्रियता की छवि है, उससे कहीं ज्यादा अपने
धर्म और आध्यात्मय प्रेम को लेकर इनका नाम है. खास बात ये है कि जिला न्यायाधीश संगीतमय प्रवचन के लिए भी प्रसिद्ध हैं, प्रधान न्यायाधीश अरुण कुमार सिंह ने गढ़ाकोटा तहसील परिसर में संगीत में श्री राम कथा सुनाई, जज साहब के प्रवचन सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे
बता दें कि न्यायिक सेवा की अपनी पदस्थापना के दौरान न्यायाधीश अरूण कुमार सिंह की पदस्थापना टीकमगढ में रही और इस दौरान ओछरा नरेश रामराजा की प्रेरणा से उनका झुकाव धर्म आध्यात्मय की तरफ हुआ और धीरे-धीरे धर्मग्रंथों के अध्ययन और चिंतन मनन के चलते उनका लगाव धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या और भजन की तरफ हुआ.