चक्काजाम करने क्यों मजबूर हुए ग्रामीण? अधिकारी क्यों नहीं दे रहे थे ध्यान।
सागर जिले के जैसीनगर में भापेल मार्ग सेमाढाना गांव के पास ग्रामीणों ने मंगलवार को चक्काजाम कर दिया। इससे दोनों ओर वाहनों की लगी लंबी-लंबी कतारें लग गईं। बस एवं चार पहिया वाहनों में लोग फंसे रहे। एक दिन पहले ही एक डंपर की टक्कर से सड़क पर बाइक सवार एक युवक की जान चली गई थी। घटना के बाद लोगों में आक्रोश पनप गया और एकजुट ग्रामीण सड़क पर उतर आए। चक्काजाम की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की नींद उड़ गई। अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंचे
और प्रदर्शनकारियों से बात की। ग्रामीणों का कहना था सड़क पर रेत से भरे डंपर और अन्य भारी वाहन तेज गति से निकलते हैं इससे दुर्घटनाओं की आशंका रहती है। एक दिन पहले ही अगरिया के एक युवक को डंपर ने चपेट में ले लिया। इसी स्थान पर बस स्टैंड है और दो स्कूल हैं। इससे बच्चों का आना—जाना लगा रहता है। वाहन चालक लापरवाही से तेज गति से वाहन दौड़ाते हैं इससे किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है।
कई बार समस्या अधिकारियों को बता चुके हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। हम चाहते हैं कि यहां पर रेत के डंपर और भारी वाहन प्रतिबंधित किए जाएं और ब्रेकर आदि बनाए जाएं ताकि दुर्घटनाओं की आशंका ही न रहे। नायब तहसीलदार विनोद सिंह परिहार ने ग्रामीणों को दोनों मांगों पर जल्द ही कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस पर ग्रामीणों ने जाम खोल दिया। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर दो दिन में ब्रेकर नहीं बने और भारी वाहनों का इंतजाम न हुआ तो फिर से चक्काजाम किया जाएगा।