सागर-RAF क्यों जुटा रहा दंगाईयों की जानकारी। गलियों में क्यों कर रहा फ्लैग मार्च ?
सागर में रैपिड एक्शन फोर्स तैनात क्यों पड़ी RAF की जरूरत ?
सागर-RAF क्यों जुटा रहा दंगाईयों की जानकारी। गलियों में क्यों कर रहा फ्लैग मार्च ?
उपद्रव और दंगों पर नियंत्रण के तैयार रैपिड एक्शन फोर्स की टुकड़ी प्लाटून कमांडर के नेतृत्व में सागर में परिचय अभ्यास में जुटी है। इस दौरान स्थानीय पुलिस के साथ फोर्स शहर की गली—चौराहों में घूम रहा है। गणतंत्र दिवस की शाम रैपिड एक्शन फोर्स और पुलिस ने दलबल के साथ फ्लैग मार्च किया। अचानक वाहनों की सांस—सांय और हथियारों से लैस जवानों की कदमताल देखकर लोग चौंक गए। जिसने भी लंबा—चौड़ा कारवां देखा तो लगा कि कहीं शहर में काई उपद्रव तो नहीं हो गया। हालांकि ऐसा कुछ भी नहीं था। एक तरह से यह रूटीन वर्क था। आरएएफ की 107 वीं वाहनी सागर की भौगोलिक, सामाजिक, गैर—राजनैतिक और राजनैतिक स्थिति की कुंडली भी तैयार कर रही है। शनिवार को आरएएफ के प्लाटून कमांडर जगदीश प्रसाद बलाई के आदेश पर उपकमांडर एसक्यू अख्तर जमाल, प्लाटून कंमाडर नंदीबाबू ओगिराला सहित 8 अधिकारी और 33 सैनिक सड़कों पर उतरे। उनके साथ ही लोकेश सिन्हा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं निरीक्षक नवीन जैन थाना प्रभारी कोतवाली सहित थाने का बल साथ रहा। फ्लैग मार्च तीन बत्ती कटरा मस्जिद, राधा तिराहा, लिंक रोड विजय टाकीज चौराहा से गुजरा। अब यह परिचय अभ्यास लगातार 1 फरवरी तक चलेगा। जो अलग—अलग थाना क्षेत्रों में घूमेगा। आपको बता दें रैपिड एक्सन फोर्स का गठन भारत सरकार द्वारा दिनांक 7 अक्टूबर 1992 को किया गया। इसका उद्देश्य दंगा या दंगो जैसी परिस्थितियों से निपटने के लिए किया गया है। जो की कम से कम समय में दंगो वाली जगह पर पहुँच कर हालातों को काबू कर सके। इसलिए रैपिड एक्सन फोर्स की एक कम्पनी को प्रत्येक दिन तीव्र प्रतिवाचन के लिए तैनात किया जाता है। ताकि किसी भी जिले में किसी प्रकार की आकस्मिक घटना होने पर घटना वाले स्थान पर तुरंत पहुंचा जा सके। रैपिड एक्सन फोर्स की 15 वाहिनी भारत के विभिन्न प्रदेशो के अलग-अलग जिलों में तैनात हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर वर्तमान में 107 वाहिनी रैपिड एक्सन फोर्स को हिनोतिया, जिला-रायसेन में कानून व्यवस्था के लिए तैनात किया गया हैं। आरएएफ कंमाडर एसक्यू अख्तर जमाल ने बताया कि फ्लैग मार्च कर क्षेत्र की जनसंख्या, साक्षरता दर, असामाजिक तत्वों, संवेदनशील, इलाकों तथा दंगाइयों की सूची तैयार की जाएगी। इस परिचय अभ्यास का उद्देश्य पुलिस और प्रशासन के साथ सामंजस्य बनाकर आम जनता में कानून का विश्वास जगाना है।