मैहर जिले में नगर परिषद की कुर्सी पर कांग्रेस का कब्जा, भाजपा ने गवांई सत्ता।
विधानसभा में प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने वाली भाजपा को मैहर नगर परिषद के चुनाव में करारा झटका मिला है। यहां पर दो बार से अध्यक्ष सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा था। इस बार कांग्रेस ने भाजपा के पार्षदों को अपने पाले में मिलाकर सत्ताधारी पार्टी की कुर्सी छीन ली।
यहां से दीपा मिश्रा ने कांग्रेस की तरफ से नगर परिषद सीट पर जीत हासिल कर अपना और पार्टी का पहली बार खाता खोल दिया है। भाजपा की आपसी खींचतान चुनाव में क्रॉस वोटिंग की वजह बन गई। आपको बता दें कि नगर परिषद चुनाव में भाजपा के 9 पार्षद थे जबकि कांग्रेस के पास कुल 6 पार्षद ही थे।
ऐसे में यह तय माना जा रहा था कि भाजपा यहां तीसरी बार फिर जीत दर्ज करेगी। लेकिन अध्यक्ष के चुनाव में परिणाम ठीक विपरीत सामने आए। भाजपा से उम्मीदवार सुनीता पटेल को कुल 7 वोट मिल सके जबकि कांग्रेस की दीपा मिश्रा 8 वोट ले गईं। इस तरह भाजपा ने अपनी जीती सीट अपनों की बदौलत कांग्रेस को सौंप दी।
गौरतलब है कि न्यू रामनगर नगर परिषद का गठन वर्ष 2015 में हुआ। इसके बाद से अब तक कुल तीन चुनाव हुए। पहली बार 2015 में बीजेपी के राम सुशील पटेल अध्यक्ष पद का चुनाव जीते। इसके बाद 2022 में उनकी पत्नी सुनीता पटेल नगर परिषद अध्यक्ष बनीं। जिन्हें गलत जानकारी देने के कारण अपदस्थ कर दिया गया था।
कोर्ट ने निर्वाचन शून्य घोषित कर दिया था। इसके बाद पार्षद पद के लिए उपचुनाव हुए और अब जाकर अध्यक्ष पद के उपचुनाव संपन्न हुए। उपचुनाव को मिलाकर यह तीसरा मौका है जिसमें पहली बार कांग्रेस को विजय प्राप्त हुई है।
इस तरह इसे कांग्रेस की बड़ी उपलब्धि माना जा सकता है। जबकि भाजपा के लिए चिंतनीय पहलू हो गया है। भाजपा में विभीषण की भूमिका निभाने वालों की पहचान तो फिलहाल नहीं हो सकी है लेकिन सत्ताधारी दल के माथे पर चिंता की लकीरें जरूर खींच दी हैं।
अब देखना यह है कि क्रॉस वोटिंग करने वाले आगे नगर परिषद अध्यक्ष के विश्वास पात्र बनकर क्रॉस वोटिंग का लाभ उठाएंगे या भाजपा संगठन के कोप का भाजन बनकर घर और घाट दोनों से जाएंगे।