एमपी पुलिस ने कर्नाटक जाकर आदिवासी मजदूरों को बचाया। खाकी की कर रहे जयकार
शिवपुरी—ग्वालियर से अपना और परिवार का पेट भरने निकले 60 आदिवासियों को कर्नाटक में ठेकेदार द्वारा कैद करने का मामला सामने आया है। जंजीरों से जकड़े मजदूरों ने अपने परिवारों से मदद की गुहार लगाई थी। भनक लगते ही ठेकेदार ने संपर्क मिटा दिया था। यह खबर पुलिस तक पहुंची तो कोलारस पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिसबल रवाना किया गया।
यहां मजदूरों को ढूंढना आसान काम नहीं था। अनजान शहर, अनजानी भाषा के बीच जानकारी जुटाना कठिन हो रहा था। शिवपुरी पुलिस मप्र में बैठकर नजर जमाए हुए थे। कोई सुराग न मिलते देख ठेकेदार का नंबर तलाश कर उसकी लोकेशन ट्रेस की तो कर्नाटक के कुलबर्गा में निकली। एमपी पुलिस से मिले इनपुट पर टीम ने बताए स्थान की घेराबंदी की। स्थानीय पुलिस की भी सहायता ली गई।
इसके बाद मौके से 60 मजदूरों को बंधक स्थल से जंजीरें काटकर मुक्त करा दिया गया। पुलिस के साथ वापस लौटे मजदूरों ने अपनी रोंगटे खड़े कर देने वाली पीड़ा सुनाई। मजदूरों ने बताया कि जब कोई मजदूर बीमार हो जाता था तो मिल मालिक उसके पैरों में जंजीर बांध दिया करता था। मजदूरी के रुपये मांगने पर उन्हें बेल्टों से बेरहमी से पीटा जाता था।
जब मजदूर लौटे तो कुछ के पैरों में यह जंजीरें भी बंधी हुई थीं। अपने परिजनों को वापस पाकर आदिवासी परिवारों ने फूल मालाएं पहनाकर स्वागत किया। इसके अलावा शिवपुरी पुलिस और एसपी के जयकारे लगाए। पुलिस ने मजदूरों की शिकायत पर आरोपी ठेकेदार पर शून्य पर मामला दर्ज कर केस डायरी कर्नाटक भेज दी है।