सागर- मौसम विभाग को कैसे पता चलता है कि आने वाले दिनों में कहां बारिश होगी और कहां गर्मी पड़ेगी..!
आज तापमान धराशाई होगा कल बारिश होगी या ओले पड़ेंगे, 2 दिन बाद चिलचिलाती धूप निकलेगी इस तरह की भविष्यवाणी मौसम विभाग के द्वारा की जाती है हमें पल भर में आधा घंटे से लेकर हफ्ते भर तक की सटीक जानकारी का अनुमान मिल जाता है
इसके साथ ही दिन का तापमान कितना रहा कितनी बारिश हुई हवाओ में कितनी नामी रही यह भी जानकारी मिल जाती है लेकिन क्या आपने सोचा है कि मौसम विभाग इसके लिए किस तरह से काम करता है तो बता दें कि सागर में संभाग की एकमात्र डेढ़ सौ साल पुरानी मौसम वेधशाला है
जहां पर दिन का अधिकतम तापमान न्यूनतम तापमान के साथ हवाओं में नमी और आद्रता को थर्मामीटर की मदद से मापा जाता है वही वर्षा मापी यंत्र से बारिश को मापने के लिए डिजिटल और एनालॉग दोनों तरह के सिस्टम यहां पर मौजूद है,
दरअसल मौसम विभाग के प्रभारी दिलीप कुमार बताते हैं कि देशभर मे 149 साल से विभाग अपनी सेवाएं आमजन को दे रहा है 150 साल में प्रवेश करने पर बच्चों के लिए प्रदर्शनी की गई थी जिसमें इन तमाम यंत्रों के बारे में उन्हें जानकारी दी गई बताया गया कि सागर में भी काफी पुरानी वेधशाला है
मौसम के पूर्वानुमान के लिए कई फैक्टर्स जिम्मेदार होते हैं. इसके लिए तमाम यंत्रों की सहायता से वातावरण और जमीन की सतह का तापमान, नमी, हवा की गति और दिशा, ओस, बादलों की स्थिति आदि को देखा जाता है. इसके लिए कई तरह की मशीनों और उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है
जैसे- बारिश के लिए वर्षामापी यंत्र, हवा की गति मापने के लिए एनीमोमीटर, हवा की दिशा के लिए विंडवेन, वाष्पीकरण की दर को मापने के लिए पेन-इवेपोरीमीटर, सनसाइन रिकॉर्डर, ओस के लिए ड्यूगेज, जमीन का तापमान नापने के लिए थर्मामीटर आदि का प्रयोग किया जाता है.