MP में यादव CM के सहारे 2024 के लिए मोदी का मास्टरस्ट्रोक इतने राज्यों में खेला की तैयारी !
मध्य प्रदेश में बीजेपी ने मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला करके बड़े-बड़े राजनीतिक पंडितों को चौंका दिया है। मोहन यादव का नाम सीएम रेस की चर्चा में भी कहीं नहीं था। दरअसल, यह भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वह मास्टरस्ट्रोक लग रहा है, जो 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए लगाया गया है। मोहन यादव के पक्ष में दो बातें गई हैं। एक तो अगर निवर्तमान सीएम शिवराज सिंह चौहान को हटाना था तो किसी ओबीसी को ही मुख्यमंत्री बनाना भी समय की मांग थी। मौजूदा राजनीतिक समीकरण में बीजेपी ओबीसी चेहरे को हटाकर किसी दूसरे को लाने का जोखिम नहीं ले सकती थी। तो शिवराज के बदले आए मोहन यादव भी ओबीसी चेहरे हैं।लेकिन, सबसे बड़ी बात कि वे यादव हैं, उनके नाम में भी यादव लगा हुआ है। यानि यादव वोटरों के लिए कोई कंफ्यूजन नहीं! इससे भाजपा ने कई राज्यों को साधने की कोशिश की है। खासकर उत्तर भारत के पांच राज्यों में पार्टी को इससे आने वाले लोकसभा चुनावों में विपक्षी इंडिया ब्लॉक की लामबंदी को कुंद करने में सहायता मिल सकती है।
लेकिन, भारतीय जनता पार्टी ने अपने शासन वाले प्रदेश में पहले यादव नेता को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला करके मंडल पार्ट-2 के धुरंधरों की सियासी बत्ती लगाने की कोशिश की है। अगर सिर्फ मध्य प्रदेश की बात करें तो राज्य में यादवों की आबादी 12% से ज्यादा बताई जाती है और जनसंख्या 80 से 90 लाख होने का दावा किया जाता है। बुंदेलखंड इलाके में यह बहुत बड़ी ताकत हैं और ग्वालियर-चंबल संभाग में भी इनका खासा सियासी दबदबा है
बिहार के बाद उत्तर प्रदेश में भी जाति जनगणना की मांग तेज हुई है। बिहार में जाति-जनगणना में यादवों की जनसंख्या 14% बताई गई है। यूपी में भी कुछ अनुमानों के मुताबिक यादवों की जनसंख्या 9 से 11% है और बिहार में लालू यादव की आरजेडी के तर्ज पर यहां समाजवादी पार्टी ने भी एमवाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण के दम पर अपना एक बड़ा जनाधार बना रखा है। भाजपा के इस फैसले से दोनों ही राज्यों के यादव-क्षत्रपों में खलबली मच सकती है। अगले साल लोकसभा चुनावों में बीजेपी के लिए ये सारे राज्य बहुत ही महत्पूर्ण हैं। एमपी में जो पार्टी ने फैसला लिया है, वह कई राजनीतिक समीकरणों को साधने में उसकी सहायता कर सकता है