सागर-यूनिवर्सिटी और रेजीमेंट के बीच देश का पहला AMU, सेना के जवान डिग्री और डिप्लोमा कर सकेंगे
सागर के डॉक्टर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय और भारतीय सेना की इकाई महान रेजीमेंट के बीच में अग्निवीरों को शैक्षणिक, व्यवसायिक और तकनीक में दक्ष करने एकेडमिक समझौता हुआ है. यह देश का पहला इस तरह का एकेडमिक समझौता हुआ है. कार्यक्रम का आयोजन महार रेजीमेंट सेंटर सागर के सुरेश चंद्र सभागार में संपन्न हुआ. इस अवसर पर कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता एवं ब्रिगेडियर इन्द्रजीत सिंह भल्ला ने समझौता-पत्रक पर हस्ताक्षर किए.
कार्यक्रम में प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि भारतीय सेना की एक इकाई के रूप में महार रेजीमेंट जहां जाबाज एवं कुशल सैनिक तैयार कर रही है. वहीं एक विश्वविद्यालय के रूप में हम अपनी भूमिका का निर्वाह करते हुए उन्हें शैक्षणिक, व्यावसायिक एवं तकनीकी दक्षता के साथ डिग्री भी प्रदान करेंगे.
प्रो. अम्बिकादत्त शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि इस विश्वविद्यालय की अकादमिक यात्रा की शुरुआत इन्हीं सैन्य बैरकों से हुई थी. आज यह अवसर है जब यह विश्वविद्यालय राष्ट्र के वीर पुत्रों और उनके परिजनों को ज्ञान रूपी उपहार देने जा रहा है. यह ज्ञान और शौर्य के मिलन का ऐतिहासिक क्षण है.
समारोह की अध्यक्षता कर रहे ब्रिगेडियर इंद्रजीत सिंह भल्ला ने कहा कि महार रेजीमेंट के परिवारों की महिलायें न केवल अपने बच्चों और परिवारों के साथ खड़ी होती हैं बल्कि नौजवान पुत्रों का हर समय उत्साहवर्धन भी करती हैं. यह अकादमिक समझौता उनकी शिक्षा और कौशल विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा. अग्निवीरों के लिए तैयार हो रहे पाठ्यक्रमों की मदद से वे भविष्य में सैन्य सेवा के उपरान्त भी अपने जीवन को रोजगार एवं कौशल के स्तर पर समृद्ध कर पायेंगे.