सागर टाईगर रिजर्व में यूरोप-दक्षिण अफ्रीका से आए प्रवासी पक्षी, यहां बनाया बसेरा
विंध्य पर्वत श्रृंखला के पठारो में हरे रंग की छठा बिखेरता नौरादेही टाईगर रिजर्व मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा जंगल है, जो जैव विविधता का अद्भुत खजाना हैं, इस जंगल में हजारों किस्म के पक्षियों का बसेरा है. पक्षी प्रेमियों के लिए नौरादेही किसी स्वर्ग से कम नहीं है. प्रवासी पक्षियों का नौरादेही के जंगलों से गहरा नाता है. ठंड के मौसम में हर साल यहां पहुंच कर थोड़े समय के लिए ही सही यह पक्षी यहां के तालाबों को अपना घर बना लेते हैं. ये पक्षी छेवला तालाब, जमरासीखेड़ा तालाब सहित बमनेर नदी के आसपास के कुंडों के पास चहचहाते हुए व अठखेलियां करते हुए देखे जा सकते हैं. इस वर्ष सबसे पहले सारस क्रेन बिस्लिंग व ब्लैक नेक्ड स्टार्क ने दस्तक दे दी है जो कि टाइगर रिजर्व के जलस्रोतों के आसपास दिखाई देने लगे हैं.
नौरादेही टाइगर रिजर्व सागर के डिप्टी डायरेक्टर डॉक्टर ए ए अंसारी ने कहा कि हर साल ठंडे प्रदेश तिब्बत, लद्दाख, हिमालयन एशिया, साइबेरिया, एशिया के उत्तरी हिस्से में बर्फ जमा होने पर यहां के पक्षी गर्म प्रदेशों की ओर रूख करते हैं. यही पक्षी यहां अपना आशियाना बनाते हैं. यहां मुख्य रूप से सारस क्रेन बिस्लिंग, ब्लैक नेक्ड स्टार्क, पेंटेड स्टार्क, सैंडपाइपर, कॉर्पोरेंट, पहुंचते हैं. उन्होंने आगे कहा कि कुछ मेहमान हिमालय के साथ यूरोप और अफ्रीका से आए है. इनकी मौजूदगी फरवरी के अंत तक रहेगी. इसके बाद इनके लौटने का सिलसिला शुरू हो जाएगा.