सागर के दो व्यक्तियों को पंजाब नेशनल बैंक ने एक खाता नंबर किया जारी,उपभोक्ता आयोग ने दिलाई राशि

 

मध्य प्रदेश की सागर जिले की सागर शहर की पंजाब नेशनल बैंक शाखा में अजीबो-गरीब मामला सामने जहां पर एक अकाउंट नंबर दो व्यक्तियों को जारी कर बैंक ने किया कस्टमर को किया भ्रमित उपभोक्ता आयोग अपने बैंक को माना दोषी परिवादी मुन्ना लला ठाकुर सत रविदास वार्ड, छोटा करीला खुरई रोड,सागर म.प्र. का स्थाई मूल निवासी है

 

 

और पेशे से मजदूर असहाय एवं गरीब व्यक्ति है तथा अनावेदक पंजाब नेशनल बैंक शाखा कटरा बाजार सागर जिला सागर के वरिषा एवं जिम्मेदार अधिकारी है तथा अनावेदक पंजाब नेशनल बैंक कटरा बाजार सागर है।

 

 

यह कि परिवादी ने विधिवत समस्त दस्तावेज अनावेदक बैंक में प्रस्तुत कर बचत खाता कमक-0420001700030252 वर्ष 2015 को खुलवाया था एवं अनावेदक बैंक में परिवादी को उक्त खाता क्योंक की पासबुक जारी की थी एवं उक्त दिनांक से कई बार परिवादी अपने उक्त बैंक खाते में राशि जमा करता रहा एवं निकासी करता आ रहा है।

 

 

 


यह कि परिवादी ने प्रधानमंत्री आवास कुटीर योजनान्तर्गत आयात निर्माण हेतु आर्थिक सहायता राशि प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र शासन को भेजा था तथा शासन द्वारा परिवादी को राशि 1,00,000/- रूपये की राशि दिनांक 18.05.2022 को परिवादी के उक्त बैंक खाते में शासन के द्वारा जमा करायी गयी थी जिसमें से परिवादी ने बैंक में दिनांक 25.05.2002 को उपस्थित होकर विधिवत निकासी प्रपत्र भर कर राशि 45,000/-रुपये की निवासी की ही किन्तु दिनांक 27.05.2022 को परिवादी के मोबाईल पर मैसेज आया कि परिवादी के उक्त बैंक खाते से राशि 40,000/- रुपये 10,000-10,000 रुपये करके चार बार बढ़ना होटल के गात गुजराती

 

 

 

बाजार सागर के एटीएम ने किसी अन्य व्यक्ति द्वारा निकासी की गयी है तो परिवादी तत्काल ही दूसरे दिन सुबह ग्यारह बजे बैंक में उपस्थित होकर अनावेदक से संपर्क किया कि साहब मैने तो अपने उक्त बैंक खाते से एटीएम प्राप्त किया ही नहीं मेरे बैंक खाते से एटीएम के द्वारा कैसे राशि की निकासी हो सकती है उसी समय दूसरा अन्य व्यक्ति परिवादी के नाम का मुन्नालाल संदेला" नामक व्यक्ति आया और वह भी अनावेदक बैंक से शिकायत करने लगा कि मेरे बैंक खाते से निकासी प्रपत्र के द्वारा निकासी की गयी है

 

 

 

तो परिवादी ने दूसरे मुन्नालाल संदेसा नामक व्यक्ति से पूछताछ की और पासबुक देखी तो पता चला कि अनावेदक की घोर लापरवाही एवं असावधानी से अनावेदक बैंक ने परिवादी के नाम एवं खाता कमोंक की पासबुक एवं एटीएम दूसरे दूसरे मुन्नालाल व्यक्ति को जारी कर दिया है तब परिवादी ने अनावेदक बैंक से शिकायत की किन्तु बैंक ने परिवादी की शिकायत का निराकरण नहीं किया तो परिवादी ने अधिवक्ता पवन नन्होरिया के माध्यम से

 

 

 

जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष प्रकरण प्रस्तुत किया जिसमें आयोग ने माना कि बैंक की घोर लापरवाही है और मुन्ना लाल को 3000/- क्षतिपूर्ति एवं 2000/- व्यय के साथ बैंक को निर्देशित किया कि दिन के भीतर उसका खाता संचालित करे और उसके बैंक खातों से निकली राशि जमा करे।


By - sagar tv news
02-Nov-2023

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