सागर-देवी पंडाल में विराजमान होने शहर की सड़कों से निकली अद्भुत प्रतिमाएं
आदिशक्ति मां दुर्गा की आराधना का पर्व नवरात्रि रविवार से शुरू हो रहा है एक तरफ जहां देवी पंडाल सजाए जा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ दुर्गा प्रतिमाएं अंतिम रूप लेकर तैयार हो चुकी हैं जहां से श्रद्धालुओं के द्वारा धूमधाम से ढोल नगाड़ों के साथ देवी पंडाल तक ले जाया जा रहा है, शनिवार को दिनभर बाजार में रौनक दिखी कटरा ,बड़ा बाजार, सदर, मोती नगर भगवानगंज हर तरफ से धूमधाम से मूर्तियां अपने स्थलों तक पहुंची,
नवरात्रि के नाम से ही स्पष्ट है यह 9 रातों का त्यौहार है । हम सभी जानते हैं कि इस त्यौहार में हम दुर्गा मां और उनके विभिन्न रूपों का अध्ययन करते हैं । मां दुर्गा की आराधना का यह त्यौहार एक साल में 4 बार आता है । दो बार गुप्त नवरात्रि और दो बार नवरात्रि के रूप में ।
विक्रम संवत के वर्ष का प्रारंभ चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होता है, और इसी दिन से चैत्र मास की नवरात्रि भी प्रारंभ होती है, ऐसा माना जाता है कि चेत्र शुक्ल पक्ष के नवमी के दिन भगवान राम का धरती पर अवतरण हुआ था। इस नवरात्रि को वासंतिक नवरात्रि कहते हैं,
दूसरी प्रकट नवरात्रि को हम शारदीय नवरात्रि कहते हैं , यह अश्वनी माह के शुक्ल पक्ष के प्रतिपदा से प्रारंभ होता है। इस वर्ष यह 15 अक्टूबर से प्रारंभ हो रही है, पहली गुप्त नवरात्रि आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से तथा दूसरी गुप्त नवरात्रि माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से प्रारंभ होती है