बीजेपी की चौथी सूची में गोपाल-भूपेंद्र-गोविन्द के साथ शैलेंद्र-प्रदीप पर इतना भरोसा क्यों ?

 

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की आचार सहिता लगते ही बीजेपी ने उम्मदवारो की चौथी लिस्ट जारी कर दी। बीजेपी की चौथी लिस्ट ने सभी को एक बार फिर हैरान कर दिया है. बीजेपी ने अपनी चौथी लिस्ट में 57 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है. लेकिन इनमें अधिकतर सीटों पर कैंडिडेट रिपीट किए गए हैं. बीजेपी ने ग्वालियर-चंबल, भोपाल-विदिशा-होशंगाबाद वाले मध्य भारत रीजन में, इंदौर-उज्जैन वाले मालवा-निमाड़ में और बुदंलेखंड व विंध्य क्षेत्र की अधिकतर सीटों पर अपने सिटिंग विधायकों पर ही एक बार फिर से विश्वास जताया है.

 

 

बुंदेलखंड की सीटों की बात करे तो बीजेपी की इस चौथी लिस्ट में मौजूदा विधायकों को ही रिपीट किया गया है. इनमें जो प्रमुख नाम शामिल हैं,वे हैं सुरखी से गोविंद सिंह राजपूत, मलहरा प्रदुम्न सिंह लोधी, पन्ना से ब्रजेंद्र प्रताप सिंह, खुरई से भूपेंद्र सिंह, रहली से गोपाल भार्गव, नरयावली से प्रदीप लारिया, सागर से शैलेन्द्र जैन, नरयावली से प्रदीप लारिया खरगापुर से राहल सिंह लोधी।

 

 

 

सागर जिले की बात करे तो रहली से गोपाल भार्गव को मौका दिया गया है। 9वी बार वो बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। वो राजनीति के एक अपराजय योद्धा है। पार्टी को ये मालूम है की कांग्रेस के पास गोपाल भार्गव जैसे नेता का कोई तोड़ नहीं है और ये सीट उन सीटों में है जो बीजेपी लम्बे वक़्त से हारी नहीं है।

 

 

खुरई से मंत्री भूपेंद्र सिंह ठाकुर एक बार फिर मैदान में उतारा है। बीजेपी के दिग्गज नेताओ में उनका नाम है। साल 2008 2013 2018 तीन बार वो खुरई से चुनाव लड़े चुके है। लगातार दो बार से वो चुनाव जीत रहे है खुरई से वो चौथी बार मैदान में होंगे जबकि 1993 में उन्होंने सुरखी विधानसभा से चुनावी राजनीति शुरू की थी। राजनीति के मंझे हुए खिलाडी माने जाने वाले भूपेंद्र सिंह का खुरई में किया गया कार्य बीजेपी के दूसरी विधानसभाओ के लिए मिसाल है। उन्होंने न सिर्फ खुरई में संगठन को मजबूत किया बल्कि विरोधी खेमे को तोड़ कर रख दिया है। बीजेपी

 

 

जानती है भूपेंद्र जीत का फार्मूला जानते है और कैसे भी वो जीत हासिल कर लेंगे
सुरखी की बात करे तो यहाँ से मौका मिला है मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत एक लम्बा वक़्त कांग्रेस में फ्रंट लाइन नेताओ में रहे साल 1998 में पहली बार सुरखी से चुनाव लड़ने की शुरुआत की फिर 2003. 2008 2013 और 2018 में वो कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े जिसमे 3 बार चुनाव जीते साल 2020 में कांग्रेस से बीजेपी में आ गए और 2020 के उपचुनाव में बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की। गोविन्द सिंह राजपूत का सुरखी गढ़ बन गया है। और इस गढ़ को भेद पाना विरोधियों के लिए मुश्किल माना जाता है।

 

 

इसके बाद बाद सागर नगर विधानसभा की करे तो विधायक शैलेन्द्र जैन को पार्टी ने चौथी बार मैदान में उतारा। लगातार 3 बार से वो चुनाव जीतते आ रहे है। विधायक शैलेन्द्र जैन को बीजेपी ने 2008 में जिला अध्यक्ष रहते हुए टिकट दिया था। शैलेन्द्र जैन को सागर से चौथी बार टिकट देने के पीछे वजह है उनका मिलनसार स्वाभाव, शहर में ना मात्र का विरोध बेदाग छवि और २४ घण्टे जनता के बीच मौजूद रहते हुए हर किसी के सुख दुःख में शामिल होना

 

 

नरयावली विधानसभा से मौका दिया है एक बार फिर इंजीनियर प्रदीप लारिया को। साल 2008 में सागर नगर निगम में महापौर रहते उन्हें नरयावली विधानसभा टिकट मिला जिसके बाद से लगातार 3 बार वो चुनाव जीतते आ रहे है। नरयावली में प्रदीप लारिया के कद का नेता फ़िलहाल पार्टी में दूसरा नहीं दिखाई दे रहा। बीजेपी को भरोसा है लारिया इस बार भी जीत हासिल कर लेंगे

 

 

 

सागर जिले से बीजेपी की सिर्फ एक सीट पर प्रत्यशी घोषित नहीं हुआ है जो है बीना विधानसभा। जबकि कांग्रेस ने अब तक यहाँ से एक भी पत्ता नहीं खोला है। आने वाले कुछ वक़्त में कांग्रेस भी अपने प्रत्याशी घोषित कर करेगी। देखना होगा बीजेपी ये इन चेहरों के सामने वो किसे चुनावी मैदान में उतरती है।


By - sagar tv news
09-Oct-2023

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