सागर-जेल से 17 बंदियों की हुई रिहाई अपनों से मिलकर छलकें आंसू
रिहाई से पहले जेल अधिकारी से लिपटकर भावुक हुई बुर्जुग अम्मा
सागर-जेल से 17 बंदियों की हुई रिहाई अपनों से मिलकर छलकें आंसू
सागर केंद्रीय जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 17 कैदियों के लिए दो अक्टूबर गांधी जयंती पर रिहाई की गई है, रिहाई से पहले इन सभी के लिए फूल माला पहनकर विदाई दी गई, वहीं उनके द्वारा जेल में जो काम किया जा रहा था, वह पैसा उन्हें दिया गया, रास्ते में खाने के लिए खाने के पैकेट और मिठाई भी दी ग,ई जिन लोगों की रिहाई होनी थी उनके परिजनों को सूचना दी थी वह अपने घर के सदस्य को लेने के लिए जेल पहुंचे थे,
कुछ लोग सुबह से ही पहुंच गए और उनकी रिहाई का बेसब्री से इंतजार करने लगे थे, बाहर निकलते ही लोग खुश हो गए, जेल अधीक्षक दिनेश नरगावे के द्वारा इन सभी को समझाइस दी गई कि अब कभी कोई ऐसा काम नहीं करना है जिसकी वजह से उन्हें दोबारा जेल आना पड़े, बाहर जाकर वह अच्छे से जीवन जीए, वही इस दौरान एक बुजुर्ग महिला बंदी जेल अधीक्षक के गले से लिपट गई, महिला 498 के केस में पिछले 14 सालों से सजा काट रही थी, जेल में जेल अधीक्षक के व्यवहार से वह खुश थी और इस दौरान वह भावुक भी नजर आई,
उसने कहा कि उसकी इच्छा थी कि उसे भागवत कथा सुनने मिल जाए और वह इच्छा पूरी हुई है जेल अधीक्षक ने बताया कि जिन 17 बंदी के लिए छोड़ा गया है.उनमें दो खुली जेल के बंदी और एक बुजुर्ग महिला थीअभी तक 26 जनवरी और 15 अगस्त पर रिहाई होती थी लेकिन अब 14 अप्रैल और गांधी जयंती पर भी रिहाई होने लगी है पिछले साल गांधी जयंती पर 68 लोगों की रिहाई हुई थी।