सागर के टाइगर रिजर्व में महाराष्ट्र से देखने पहुंचे लोग
सागर के नौरादेही अभयारण्य से सातवां टाइगर रिजर्व बना वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व एक नई पहचान के साथ पर्यटकों के लिए खुल गया है. टाइगर रिजर्व की सफारी के लिए जिन वन्यजीव प्रेमियों ने बुकिंग कराई थी, उन पर्यटकों का स्वागत वन विभाग के अधिकारियों ने हिनोती गेट पर किया।
बताया जा रहा है, कि वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व के अस्तित्व के आने के साथ सागर, जबलपुर और भोपाल के पर्यटक यहां पहुंचेंगे. टाईगर रिजर्व बनने के बाद बुंदेलखंड अंचल में इको टूरिज्म के नए द्वार खुलेंगे ,पर्यटकों के लिए हिनौती गेट पर बुकिंग काउंटर बनाया गया है, जहां से बुकिंग करा कर पर्यटक रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में सफारी कर सकेंगे,
वन विभाग ने हिनौती और बीना गेट शुरू सफारी के लिए खोल दिया है ,टाइगर रिजर्व के बाद वन विभाग ने सुरक्षा इंतजामों में भी तेजी कर दी है ,हिनौती नाका पर चेक पोस्ट बनाई गई है जहां वाहनों की सघन चेकिंग की जाएगी. रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में इस समय 15 टाइगर है, इसके अलावा यह प्राकृतिक भेडियों के लिए जाना जाता है,
नीलगाय, हिरण ,चिंकारा सियार, मगर, सांभर, मोर और कई बड़े जीव टाइगर रिजर्व में देखने को मिलते है. गौरतलब है कि सागर और दमोह जिले के दो अभ्यारण को मिलाकर वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व बनाया गया हैं, टाइगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 2339 वर्ग किमी है, इसका कोर एरिया 1414, जबकि बफर जोन 925 वर्ग किमी में विस्तारित होगा,यानी टाइगर रिजर्व के बफर जोन में 80 से ज्यादा बाघ आसानी से रह सकेंगे, नया टाइगर रिजर्व रानी दुर्गावती और नौरादेही अभयारण्य को मिलकर प्रदेश का सबसे बड़ा रिजर्व होगा।