सागर के इस गांव में होती है महात्मा गांधी की पूजा, सुबह शाम भक्त करते हैं मूर्ति का दर्शन
देश की आजादी के लिए आंदोलन चलाने के दौरान महात्मा गांधी 90 साल पहले सागर आए थे इस दौरान वह देवरी भी पहुंचे थे. गांधी जी यहां आधे घंटे के लिए आए थे इसलिए लोगों ने उनका मंदिर बनवा कर प्रतिमा स्थापित कर दी करीब 1935 में यहां पर मंदिर बनकर तैयार हो गया था
पहले जयंती और पुण्यतिथि पर लोग इधर आते थे लेकिन पिछले कुछ सालों से गांधी भक्ति राजू दीक्षित के द्वारा रोजाना सुबह शाम दिया बत्ती की जाती है सुबह से प्रभात फेरी निकालते हैं जिसमें रघुपति राघव राजा राम पतित के पावन सीताराम भजन का गायन करते हैं
बता दें कि गांधी जी 1 दिसंबर 1933 को दो दिवसीय दौरे पर सागर पहुंचे थे. अपनी इस यात्रा के दौरान पहले दिन वह देवरी में करीब आधा घंटे तक रुके थे. उन्हें इसी इलाके के अनंतपुर गांव में बनी खादी निवास में बुनकरों के द्वारा किए जा रहे कार्यों का निरीक्षण करना था. देवरी में मालगुजार के साथ दलितों से भी मुलाकात की थी
वही स्वतंत्रता के आंदोलन से जुड़े लोगों से भी एक खुले मैदान में बैठकर चर्चा की थी और इसके बाद आगे बढ़ गए थे. लेकिन इसके बाद वहां के लोगों ने महात्मा गांधी की याद में एक मंदिर का निर्माण करवाया इस मंदिर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के साथ देवरी और उसके आसपास से जुड़े स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और महापुरुषों की फोटो लगी है. इसके साथ ही गांधी जी के तीन बंदर के चित्र भी हैं जिसमें बुरा मत बोलो बुरा मत देखो बुरा मत सुनो को दर्शाया गया है.