डेढ़ सौ वर्षो से सागर की सबसे प्राचीन प्रतिमाएं , भोलेनाथ का बारात स्वरूप गणेश प्रतिमा स्थापित
सागर के गणेश घाट पुरव्याऊ टोरी पर विराजित की गई भगवान गणेष की प्रतिमा को देखने के लिए बडी संख्या में भक्त आ रहे है। यह आकर्सक प्रतिमा भगवान भोलेनाथ की बरात स्वरूप गणेश जी स्थापित हैं।
बताया जा रहा है कि पिछले डेढ सालों से यहां गणेष प्रतिमा विराजित किए जाने की परंपरा चली आ रही है। आज छठवी पीढ़ी इस परंपरा को बखूबी निभा रही है। यहां भगवान को छप्पन भोग लगाए गए और महा आरती की गई।
गौरतलब है कि सागर में एक से बढकर एक सुंदर प्रतिमाएं विराजित की गई है। जिनके दर्षनों के लिए भक्तों का सैलाब उमड रहा है। साथ ही धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।