सागर का करीब 100 साल पुराना मंदिर जहाँ धूमधाम से मनाई गई राधाष्टमी
सागर का करीब 100 साल पुराना मंदिर जहाँ धूमधाम से मनाई गई राधाष्टमी
सागर में 100 साल पुराने मंदिर में धूमधाम से मनाई गई राधाष्टमी
सागर में लोग राधा रानी की भक्ति में डूबे हुए नज़र आये। नज़ारा है शहर के प्रसिद्द रमझिरिया स्थित श्रीदेव गोवर्धन मंदिर का जहाँ राधा अष्टमी के मौके पर भजन संध्या के दौरान लोग भजनों पर झूमते हुए नज़र आये। सुबह से ही लोग मंदिर में पहुंचने लगे थे। जहां सभी ने भगवान के दर्शन किये और प्रार्थना की। यहां की दिलचस्प बात ये है। की मंदिर खूबसूरत पहाड़ी के बीच बना हुआ है। जिससे यहाँ की ख़ूबसूरती और नज़ारा देखने लायक होता है। मंदिर करीब 100 साल पुराना है।
राधा अष्टमी के मौके पर श्रीदेव गोवर्धन मंदिर में भजन संध्या का आयोजन किया गया था। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। मंदिर परिसर में विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया था। जिसमें सैंकड़ों भक्तों ने प्रसादी ग्रहण की। भजन संध्या की प्रस्तुति मेनपानी से आये कलाकारों द्वारा दी गयी।
वहीं बताया जाता है की राधा अष्टमी के दिन व्रत करने से सभी पापों का नाश होता है। संतान सुख और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। व्रत करने से घर में मां लक्ष्मी आती हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। राधा अष्टमी का व्रत श्री कृष्ण जन्माष्टमी के 15 दिन बाद पड़ता है। इस व्रत को करने से श्री कृष्ण और राधा रानी अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। इसको लेकर हषिकेश महाराज राजघाट वालो ने जानकारी दी।