बारिश नहीं होने से बर्बादी की कगार पर "पीले सोने" की खेती, कृषि एक्सपर्ट ने दी ये सलाह
पूरे बुंदेलखंड के लोग इस समय भगवान से केवल एक ही प्रार्थना कर रहे हैं कि ‘हे प्रभु ! बारिश करा दो…मेघ बरसा दो’… थोड़े बरसा दो.. पिछले 15 दिनों से बारिश नहीं होने की वजह से फसले बर्बादी की कगार पर पहुंच गई है. खासकर बुंदेलखंड में पीला सोना कहे जाने वाली सोयाबीन की खेती पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव दिखाई दे रहा है. सूखे जैसे हालात होने की वजह से अब इनमें कीट पतंग का प्रकोप दिखाई देने लगा है. इल्ली लगने की वजह से तनी में, जड़ों में, पत्तों पर इसका प्रभाव दिखाई देने लगा है.
हालांकि इसके नियंत्रण के लिए बाजार में कुछ दवाइयां भी उपलब्ध है जिनका छिड़काव कर इनके प्रभाव को रोका जा सकता हैंवहीं जिन किसानों के पास पानी की व्यवस्था है उन्होंने अपने मोटर पंप चालू कर स्प्रिंकलर से पानी का छिड़काव शुरू कर दिया है कृषि अधिकारियों की भी किसानों को यही सलाह है इस समय सबसे अधिक पीला सोना कहे जाने वाली सोयाबीन की फसल को पानी की जरूरत है. सागर जिले में 376000 हैकटेयरमें इस सीजन सोयाबीन की बोवनी हुई हैं. वहीं इसके अलावा उड़द की फसल को भी पानी की दरकार है.पिछले 3 महीने से किसानों के द्वारा अपनी फसलों को संवारने के लिए दिन-रात मेहनत की जा रही थी. लेकिन जब पेड़ों में फली लगने और उन में बीज पडने का समय आया बारिश नहीं होने की वजह से इन फसलों को ग्रहण सा लगता हुआ दिखाई दे रहा है.
खास तौर पर सोयाबीन की फसलों में कीट पतंग इल्ली सहित अन्य प्रकार के पेड़ों को नुकसान पहुंचने लगी है.सागर में कृषि विभाग की सह संचालक जितेंद्र सिंह राजपूत ने जानकारी देते हुए बताया बारिश का मौसम है लेकिन बारिश हो नहीं रही है ऐसे में जिन किसानों के पास पानी की व्यवस्था है तो वह स्प्रिंकलर से अपनी फसलों को आवश्यकता अनुसार पानी दे सकते हैं. जैसे-जैसे तापमान बढ़ता जाता है तब कीटों का प्रकोप भी बढ़ता जाता है. खास तौर पर हमारे यहां जो सोयाबीन और उड़द की फसले लगी हुई है उनमें तंबाकू की इल्ली कॉ प्रकोप को देखने को मिल रहा है जो तंबाकू की इल्ली, सेमी लूपर, गडर बीटल यह जो इंडिया है वह निश्चित तौर पर हमारी फसलों को नुकसान पहुंचा रही है. तंबाकू की इल्ली, सेमी लूपर इल्ली अगर खेतों में दिखाई देती है.