सागर-200 सालों से इस मंदिर में झूला महोत्सव मनाने की परंपरा, देश भर से आते है साधु संत
सागर के प्रसिद्ध वृंदावन बाग मंदिर में इन दिनों वृंदावन जैसा ही माहौल नजर आ रहा है, यहां पर 11 दिवसीय झूला महोत्सव चल रहामदनीर की ख़ास सजावट की गई है, पूरा मंदिर लाइटों की रोशनी से रोशन है. हर साल की तरह इस साल भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पर भगवान के दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं.
मठ के महंत नरहरिदास महाराज बताते हैं कि 200 सालों से चली आ रही झूला महोत्सव की परंपरा आज भी जारी है. वृंदावन धाम से आए महाराज वृंदावन दास जी ने मंदिर की स्थापना कर यह परंपरा शुरू की थी.
तब से ही देश भर के विभिन्न लोग यहां इस परंपरा का शामिल होने पहुंचते हैं. यह मध्य भारत का मठ है, इसलिए भी साधु संतों का ज्यादा आगमन होता है. इन दिनों में भगवान गर्भ ग्रह से बाहर निकलकर अपने भक्तों को नजदीक से दर्शन देते हैं.
साथ ही उन्हें झूला झूलने का मौका भी मिलता है. जिससे भक्त खुश हो जाते हैं और इसके चलते ही इसे आनंद उत्सव भी कहते हैं. वृंदावन बाग मंदिर में राम सीता लक्ष्मण के साथ ही भगवान राधा कृष्ण और जगन्नाथ स्वामी भी गर्भ ग्रह से बाहर आ गए हैं और अब वह पूर्णिमा तक झूले पर ही विराजमान रहेंगे. यहां आने वाले लोगों के लिए मंदिर की आकर्षक सजावट के साथ द्वार पर खड़ी गज लक्ष्मी भी आकर्षण का केंद्र बनी रहती है.
मंदिर परिसर में मेला भी लगता है, जहां बच्चों के खेल-खिलौने से लेकर महिलाओं के श्रृंगार और अन्य मनोरंजन की चीज और खाने पीने के स्टॉल मौजूद रहते हैं