सागर-कैदी नहीं संत कहिए, जनाब! हाथ में माला... तन पर पीले वस्त्र, सुबह-शाम कर रहे मंत्र जाप
सागर-कैदी नहीं संत कहिए, जनाब! हाथ में माला... तन पर पीले वस्त्र, सुबह-शाम कर रहे मंत्र जाप
सागर जेल के कैदी हो गए संत ! सुबह-शाम कर रहे मंत्र जाप
शिव की आराधना, उपासना, साधना से मनुष्य अपने पापों-संतापों से इसी जन्म में मुक्ति पा सकता है. शायद यही वजह है कि सावन में लोग शिव भक्ति में डूबे नजर आते हैं. लोग घरों में भोलेनाथ की पूजा कर रहे हैं. शिवालयों में जलाभिषेक कर रहे हैं. सागर केंद्रीय जेल भी सावन में शिव भक्ति के रंग में रंगी है. यहां के कैदी शिव भक्ति में लीन हैं. इस बार दो महीने का सावन रहा, सो केंद्रीय जेल में धर्म की गंगा दो महीने से बह रही है. कैदी यहां महामृत्युंजय मंत्र का जप कर रहे हैं. जिससे जेल के अलग-अलग खंड मंत्र के उच्चारण से गुंजायमान हैं.
केंद्रीय जेल अधीक्षक दिनेश नरगावे ने बताया कि जब लोगों का मन विचलित होता है तो वे गड़बड़ियां करते हैं. महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से लोगों के अंदर सकारात्मकता आती है. जेल के अंदर बंद होने से बंदियों को जो परेशानी होती है, इससे उनके मन को शांति मिलती है. मंत्र जप करने वाले बंदी ने बताया कि इस मंत्र का जाप करने से उन्हें आत्मबल मिला है. वह दो महीने से निरंतर इसको कर रहे हैं और जेल में रहते हुए इस तरह के कार्यों से सुधारने का मौका भी मिला है. इसको करने से मन इधर-उधर नहीं भटकता है. मन में शांति रहती है