सागर-हरियाली तीज उत्सव में झूमी महिलाएं, जानिए सावन में क्यों झूले जाते है झूला
सावन के महीने में मनाए जाने वाले कई व्रत और त्योहारो में हरियाली तीज का विशेष महत्व रहता है, सुहागिन महिलाए इसे बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाती है, इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा की जाती है, सावन के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरियाली तीज के रूप में मनाया जाता है, हरियाली तीज महोत्स्व को सागर विधायक शैलेंद्र जैन की धर्मपत्नी अनुश्री जैन ने बुंदेली परंपराओं के साथ भव्य रूप से मनाया, हरियाली तीज उत्सव में सागर के विभिन्न क्षेत्रो से 500 से अधिक महिलाएं शामिल हुई थी,
किसी ने सखियों के साथ झूले झूले तो किसी ने रंगारंग प्रस्तुतिया दी, इसके साथ ही महिलाओं ने श्रावण गीत, हरियाली गीतों के साथ झूला झूलकर हरियाली उत्सव मनाया, और फिर एक साथ विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का भी लुफ़त उठाया।
अनु शैलेन्द्र जैन ने कहा की दैनिक दिनचर्या की व्ययस्थताओं से दूर जब इस प्रकार के कार्यक्रम में महिलायें एक रंग में मिलती है तो उनके चेहरे की खुशी देख कर मन प्रफुल्लित हो जाता है यह हरियाली तीज उत्सव का दूसरा आयोजन है विगत वर्ष भी बड़ी संख्या मे हमने मिलकर यह उत्सव मनाया था। इस सफलता का श्रेय सभी माताओं बहनों को जाता है जिन्होंने मेरे आमंत्रण पर इतनी बड़ी संख्या में हरियाली तीज उत्सव में भाग लिया इसके लिये आप सभी का हृदय से आभार।
इस अवसर पर अनुश्री शैलेन्द्र जैन द्वारा सभी महिलाओ को श्रृगांर सामग्री भी वितरण की गई। कार्यकर्म की मुख्यातिथि के रूप में भाजपा की प्रदेश प्रवक्ता नेहा बग्गा रही साथ ही,विशिष्ट अतिथि शालिनी आर्य, रचना सिरोंठिया, नीलिमा पिम्पलापुरे, जसवीर सोड़ी, हेमा डेंगरे आदि उपस्थित रही। इसके साथ ही कार्यक्रम में नगर पालिक निगम सागर की महिला पार्षदगण उपस्थित रही।
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान श्री कृष्ण ने राधा रानी को सावन के महीने में झूला झुलाया था. तब से यह परंपरा शुरू हुई थी. लोगों द्वारा भगवान श्री कृष्ण के इस परंपरा को लगातार आगे बढ़ाते जा रहे हैं. झूला झूलते समय भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी को याद करते हुए गीत गायन किया जाता है